Raibareli-शिवगढ़ में शिद्दत के साथ मनाया गया वीरांगना ऊदा देवी पासी का शहीद दिवस

Raibareli-शिवगढ़ में शिद्दत के साथ मनाया गया वीरांगना ऊदा देवी पासी का शहीद दिवस

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट - अंगद राही


वीरांगना ऊदा देवी पासी ने 36 अंग्रेज सिपाहियों को मारकर फूंका था क्रांति का बिगुल : सुशील पासी


रायबरेली-शिवगढ़ ब्लॉक परिसर के सामने स्थित प्रताप नगर कॉलोनी में वीरांगना ऊदा देवी पासी का शहीद दिवस मनाया गया, जिसमें शहीद ऊदा देवी को शिद्दत से याद किया गया। शहीद दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव सुशील पासी ने वीरांगना ऊदा देवी पासी के त्याग बलिदान पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का आयोजन पूर्व भवानीगढ़ प्रधान पुत्र एवं नवसृजित शिवगढ़ नगर पंचायत से नगर पंचायत अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवार अखिलेश कुमार शुक्ला द्वारा किया गया। वीरांगना ऊदा देवी पासी के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव सुशील पासी ने स्वतंत्रता संग्राम में मातृभूमि की स्वाधीनता के लिए अपना संपूर्ण बलिदान करने वाली वीरता,पराक्रम, त्याग एवं देशभक्ति की प्रतीक शहीद वीरांगना ऊदा देवी पासी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अवध की वीरांगना ऊदा देवी पासी झांसी की रानी लक्ष्मी बाई तो नहीं थीं, लेकिन उनसे कम भी नहीं थीं। देश को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने की उनके अन्दर की ज्वाला ने अवध में क्रांति का बिगुल फूंक दिया, जिससे अंग्रेजों की चूलें हिल गईं। उन्होंने कहा कि वीरांगना ऊदा देवी पासी, एक भारतीय स्वतन्त्रता सेनानी थीं जिन्होने 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय सिपाहियों की ओर से युद्ध में भाग लिया था। ये अवध के छठे नवाब वाजिद अली शाह के महिला दस्ते की सदस्य थीं। लखनऊ की घेराबंदी के समय लगभग 2000 भारतीय सिपाहियों के शरणस्थली सिकन्दर बाग पर ब्रिटिश फौजों द्वारा चढ़ाई की गयी थी और 16 नवम्बर 1857 को सिकन्दर बाग में शरण लिये इन 2000 भारतीय सिपाहियों का ब्रिटिश फौजों द्वारा संहार कर दिया गया था। इस लड़ाई के दौरान ऊदा देवी पासी ने पुरुषों के वस्त्र धारण कर लड़ाई के समय अपने साथ एक बंदूक और कुछ गोला बारूद लेकर एक ऊँचे पीपल के पेड़ पर चढ़ गयी और उन्होने हमलावर ब्रिटिश सैनिकों को सिकंदर बाग में तब तक प्रवेश नहीं करने दिया, जब तक कि उनका गोला बारूद खत्म नहीं हो गया,जिनके शहीद होने पर अंग्रेज अफसर ने सेल्यूट किया था,और कहा था कि मुझे जानकारी होती कि लड़ने वाली वीर पराक्रमी एक महिला है तो मैं कतई हमला नहीं करता भले ही अपने प्राणों की कुर्बानी देनी पड़ जाती। जिनकी वीरता की चर्चा हिंदुस्तान ही नहीं समूचे इंग्लैंड में भी हो रहे थी। उन्होंने कहा कि
पासी समाज की गौरव वीरांगना ऊदा देवी ने जाति संप्रदाय से ऊपर उठकर देशभक्ति का जो रंग दिखाया वह किसी महान योद्धा से कम नहीं था। कांग्रेस पार्टी के शिवगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष एडवोकेट गौरव मिश्रा ने कहा कि 36 अंग्रेजों को मौत के घाट उतारने के बाद स्वयं को गोली मारकर शहीद हुई वीरांगना ऊदा देवी पासी के बलिदान को कोई भारतीय भुला नहीं सकता है। कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आशीष कुमार त्रिवेदी द्वारा किया गया। ऊदा देवी के बलिदान दिवस पर कार्यक्रम के आयोजक अखिलेश शुक्ला, प्रधान पुत्र छोटू प्रजापति की ओर से सुशील पार्टी द्वारा पत्रकारों को पेन,डायरी देकर एवं माला पहना कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही मंचासीन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुशील पासी, भाकियू नेता सर्वेश वर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष गौरव मिश्रा,जिला सचिव सुमित्रा रावत,सविता रावत,रमजान अली सहित लोगों अंग वस्त्र भेंटकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर सुधीर शुक्ला ,संजय वर्मा , रामहेत रावत, अरुण रावत, पूर्व प्रधान राम किशोर रावत,केतार पासी, दिनेश शुक्ला, अमरेंद्र वर्मा, शिव शंकर, राजकुमार चौधरी, संतोष वर्मा, रामकिशोर मौर्य, अशोक यादव, दुर्गेश आदि लोग मौजूद रहे।