बानी गुरु गुरु है वाणी,विच वाणी अमृत सारे " बानी कहे सेवक जन माने परतख गुरु निस्तारे"

बानी गुरु  गुरु है वाणी,विच वाणी अमृत सारे " बानी कहे सेवक जन माने परतख गुरु निस्तारे"

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट-केशवानंद शुक्ला

रायबरेली: श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व पर रायबरेली के गुरुद्वारों में बहुत श्रद्धा,उत्साह,के साथ मनाया गया
अमृतवेला में पहले प्रकाश के वक्त गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा व गुरुद्वारा श्री गुरु नानक देव जी फिरोज गांधी नगर रायबरेली में संगत के द्वारा बहुत उत्साह के साथ पुष्प वर्षा करते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश किया गया।     गुरुद्वारा साहब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगरूप सिंह जी व ज्ञानी गुरविंदर सिंह जी ने प्रकाश कर पहला शबद संगत को सुनाकर निहाल किया उपरांत पाठ हुआ हजूरी रागी जत्थों ने कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया।
गुरुद्वारा साहब को फूलों,गुब्बारों से सजाया गया था जिसकी भव्यता देखने लायक थी। 
उपरांत अरदास व लंगर का आयोजन हुआ जिसमें संगत ने बहुत ही श्रद्धा के साथ प्रसाद (लंगर )को ग्रहण किया ।
इसमें प्रमुख रूप से सुरेंद्र सिंह मोंगा, जोगिंदर सिंह अरोड़ा,अवतार सिंह छाबड़ा,त्रिलोचन सिंह मोंगा, गुरजीत सिंह तनेजा, बलजीत सिंह मोगा, त्रिलोचन सिंह नरूला,गुरबचन सिंह सलूजा,पपिंदर सिंह सलूजा, दलजीत सिंह अरोड़ा, जसवंत सिंह मोंगा, गुरुभेज सिंह सलूजा ,हरविंदर सिंह सलूजा, पंजाब सिंह मोगा,अमरीक सिंह अरोड़ा,सुरेंद्र सिंह  बग्गा,अमरिंदर सिंह तनेजा आदि  उपस्थित रहे।