रायबरेली-ग्रामीण एनटीपीसी की राख फांकने को है विवश,जिम्मेदार है बेखर,,,,,,,

रायबरेली-ग्रामीण एनटीपीसी की राख फांकने को है विवश,जिम्मेदार है बेखर,,,,,,,

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रिपोर्ट-सागर तिवारी




ऊँचाहार+रायबरेली-ग्रामीण एनटीपीसी की राख फांकने को विवश हैं। परियोजना से फैलने वाले प्रदूषण गांव में लोगों को गम्भीर बीमारी मौत बांट रहा है। शिकायत के बाद भी आला अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। अपितु क्षेत्र प्रदूषण मुक्त होने का खोखला दावा कर रहे हैं।
           एनटीपीसी परियोजना में तैनात आला अधिकारी प्रदूषण मुक्त की फर्जी रिपोर्ट अधिकारियों को भेजकर अपनी पीठ थठपवा रहे है हैं। जबकि जमीनी हकीकत कागज़ों से अलग है। गांव में लोग एनटीपीसी की राख खाने को विवश हैं। चिमनियों से निकलता हुआ धुवां और उड़ती राख ने ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया है। एनटीपीसी भले ही कैम्प लगाकर जांच और दवाईयां देने का दावा कर रही हो लेकिन दुर्भाग्य है या अनदेखी कि एनटीपीसी कैम्प को एक भी प्रदूषण रोगी नहीं मिलता जबकि बहरेव , पुरवारा, अकोढिया, बभनपुर, फरीदपुर, बिकई, सराएं सहिजन, समेत दर्जनों के अलग अलग गांव निवासी राजू सिंह, सुन्दर लाल, मैकू, मनोज सरोज, शत्रुधन सरोज, दिलीप कुमार, राम प्रसाद, विजय कुमार सहित सैंकड़ों लोग बताते हैं कि मोतियाबिंद, बहरापन, रतौंधी, दमा, काली खांसी, फेफड़े रोग, गंजापन जैसी गम्भीर बीमारियों से आसपास गांव के लोग परेशान है। इसके साथ ही एनटीपीसी के ध्वनि प्रदूषण से भी ग्रामीण परेशान हैं। एनटीपीसी से निकलता हुआ धुवां और डस्ट से प्राणघातक बीमारियां हो रही हैं। प्रबन्धक इसपर कार्यवाही करने के बजाय झूठी रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों को गुमराह कर रही है। जानकर बताते हैं कि जल्द ही ग्रामीण आंदोलित होकर एनटीपीसी का घेराव करेंगे।