सिपाही बना इतिहास विभाग का प्रोफेसर, SSP ने मिठाई खिलाकर जताई खुशी

सिपाही बना इतिहास विभाग का प्रोफेसर, SSP ने मिठाई खिलाकर जताई खुशी
सिपाही बना इतिहास विभाग का प्रोफेसर, SSP ने मिठाई खिलाकर जताई खुशी

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)

मो-8573856824

इटावा- उत्तर प्रदेश के इटावा के चंबल इलाके के बिठौली पुलिस थाने में तैनात यूपी पुलिस के एक सिपाही के अपनी लगन और मेंहनत के बल पर प्रोफेसर बनने का सफर तय कर लिया है. सिपाही से प्रोफेसर बनने की कहानी सुनने के बाद आला पुलिस अफसर भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं. प्रोफेसर बनने वाला सिपाही इटावा जिले के चंबल इलाके के बिठौली थाने में तैनात था.

मूल रूप से एटा का रहने वाला सिपाही योगेश कुमार साल 2015 में पुलिस सेवा में आया था. उसके बाद से लगातार उसकी कोशिश शिक्षा जगत में आने की रही, लेकिन असल कामयाबी इस साल मिल सकी है. योगेश को अलीगढ के वार्ष्णेय महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद मिला है. इस खबर के बाद वह एसएसपी जयप्रकाश सिंह से मिलकर पुलिस सेवा से इस्तीफा देने के लिए आया था, जहां पर एसएसपी ने मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया.

वाष्णेय महाविद्यालय में बने असिस्टेंट प्रोफेसर
योगेश को कमशीन से अलीगढ के वाष्णेय महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद मिला है. सिपाही योगेश कुमार ने इटावा के एसएसपी से मिलकर पुलिस सेवा से त्याग पत्र देने के बाद अलीगढ में सहायक प्रोफेसर के पद को ज्वाइन भी कर लिया है. वहीं एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने बताया कि अब पुलिस भर्ती में ऐसे युवा आ रहे हैं, जो ड्यूटी के साथ निरंतर कम्पटीशन की तैयारी करते रहते हैं. ऐसे युवा आरक्षियों को हम लोग बराबर सहयोग करते हैं और उनको ऐसे थानों में तैनाती दी जाती है, जहां उनपर अधिक वर्कलोड नहीं पड़ता है.

इटावा के बीहड़ी पुलिस थाना बिठौली में तैनात एटा के निधौली कलां के ग्राम रसीदपुर के योगेश कुमार वर्ष 2015 बैच में पुलिस विभाग में आरक्षी पद पर भर्ती हुए थे. इससे पहले उन्होंने वर्ष 2013 में आगरा कॉलेज से इतिहास विषय में परास्नातक पास किया था. शिक्षक बनने का ख्वाब देखने वाले योगेश ने वर्ष 2013 में नेट के परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. उन्होंने 2015 जून में नेट परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली, लेकिन इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी पद की भर्ती निकल आई.

पुलिस में भर्ती के बाद भी नहीं रोकी मेहनत
मध्यम वर्गीय परिवार के योगेश के पिता खेतीबाड़ी करते हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश पुलिस में निकली आरक्षी पद की भर्ती में योगेश ने अपना हाथ आजमाया और योगेश की ज्वाइनिंग आरक्षी पद पर उत्तर प्रदेश पुलिस में हो गई. शिक्षक बनने का सपना देखने वाले योगेश ने पुलिस में भर्ती होने के बाद भी मेहनत नहीं रोकी और पुलिस की ड्यूटी के साथ ही वे अपनी पढ़ाई को निरंतर जारी रखते रहे.

इटावा में तैनाती मिलने के बाद योगेश ने कई थानों में ड्यूटी की, लेकिन जब उच्चाधिकारियों को योगेश की काबिलियत के बारे में पता लगा तब योगेश की तैनाती इटावा मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर इटावा बॉर्डर पर बिठौली थाने में कर दी गई. इलाके में बने बिठौली थाने में अधिक कार्य न होने के चलते योगेश जहां रात-रात भर जागकर प्रवक्ता पद की तैयारी कर रहे थे, तो वहीं दिन में भी 3 से 4 घंटे पढ़ाई जारी रखी.

एसएसपी ने भी की तारीफ
आखिरी में योगेश को सफलता हाथ लगी और उनका चयन उच्च शिक्षा आयोग ने अलीगढ़ के वाष्णेय महाविद्यालय में इतिहास के प्रवक्ता पद पर हो गया. जैसे ही योगेश को आयोग का नियुक्ति पत्र मिला वैसे योगेश ने इटावा एसएसपी कार्यालय में पहुंचकर इटावा एसएसपी जय प्रकाश सिंह को अपना इस्तीफा सौंप दिया. योगेश की काबिलियत और सफलता देखकर इटावा एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने योगेश को मिठाई खिलाकर उसको बधाई दी.

सिपाही योगेश की सफलता को लेकर इटावा एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश की पुलिस भर्ती में बेहद प्रतिभावान पढ़े लिखे नौजवान भर्ती हो रहे हैं, जिनकी काबिलियत देखकर उनके ऊपर अधिक वर्क लोड ना पड़े और वे अपनी पढ़ाई निरंतर जारी रख सकें इसके लिए उन्हें पुलिस के सर्विलांस और आईटी सेल में रखा जाता है. योगेश की पढ़ाई के प्रति लगन देखकर ही योगेश को बिठौली थाने में तैनात किया गया था जिससे वे अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकें.