युवाओं को भा रहा बिना कंडोम के संबंध बनाना, लड़कियों को भी नहीं कोई आपत्ति, रिपोर्ट में सामने आई बड़ी वजह

युवाओं को भा रहा बिना कंडोम के संबंध बनाना, लड़कियों को भी नहीं कोई आपत्ति, रिपोर्ट में सामने आई बड़ी वजह

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अनचाहे गर्भधारण को रोकने के लिए कंडोम, गर्भ निरोधक गोलियां और अन्य चीजें उपयोग करने की नसीहत दी जाती है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में युवाओं में गर्भनिरोधक चीजों से मोहभंग होने लगा है और अब बिना कंडोम के सेक्स करने का ट्रेंड बढ़ने लगा है।

ये बातें हम यूं ही हवा हवाई में नहीं बल्कि WHO की रिपोर्ट के आधार पर कह रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस संबंध में जानकारी के लिए WHO बाकायदा एक सर्वे भी कराया था।

Youth Not Interested to Use Condom रिपोर्ट्स की मानें तो यूरोपियन देशों में करीब एक तिहाई युवक-युवतियों ने माना है कि वो आखिरी बार जब संबंध बनाया था तो सेफ्टी यानि कंडोम का इस्तेमाल नहीं किया था। इतना ही नहीं युवतियों ने भी इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने संबंध बनाने के बाद सेफ्टी पिल्स का इस्तेमाल नहीं किया।

मिली जानकारी के अनुसार WHO ने हाल ही में यूरोपिय देशों में एक सर्वे कराया था। इस दौरान WHO ने करीब 2,42,000 युवक-युवतियों के से बातचीत की। सर्वे के दौरान युवक-युवतियों ने जो बताया उसे जानकर सभी के होश उड़ गए। सर्वे के बाद ये बात सामने आई कि साल 2014 तक करीब 70 प्रतिशत युवा संबंध बनाने के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करते थे, लेकिन साल 2022 में ये आंकड़ा 61 प्रतिशत तक गिर गया है। वहीं, लड़कियों की बात करें तो जिन लड़कियों ने पिछली बार कंडोम या गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल किया था, उनका आंकड़ा 63 प्रतिशत से कम होकर 57 प्रतिशत रह गया है। मतलब करीब एक तिहाई किशोर फिजिकल रिलेशन बनाते समय कंडोम का यूज नहीं करते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्वे के अनुसार, साल 2014 से 2022 तक गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल स्थिर रहा है। 15 साल की उम्र के 26 फीसदी लड़कियों ने पिछली बार यौन संबंध बनाने के बाद इन गोलियों का उपयोग किया था। लोअर मीडिय क्लास फैमिली के 33% किशोरों ने कंडोम या बर्थ कंट्रोल पिल्स का इस्तेमाल नहीं किया, जबकि हाई क्लास फैमिली के किशोरों का आंकड़ा 25 परसेंट था। डब्यूएचओ के यूरोप डायरेक्टर हैंस क्लूज का कहना है कि यूरोप के कई देशों में आज भी सेक्स एजुकेशन (Sex Education) नहीं दी जा रही है। सही समय पर युवाओं को असुरक्षित यौन संबंधों के खतरे और नुकसान न बताने की वजह से भी इस तरह की समस्या बढ़ रही है।