सदाचार ही मानव जीवन का उत्तम श्रृंगार: स्वात्मानंद जी महाराज

सदाचार ही मानव जीवन का उत्तम श्रृंगार: स्वात्मानंद जी महाराज

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रिपोर्ट-अमित अवस्थी


बछरावां-रायबरेली-विकास क्षेत्र के खालेगांव मजरे शेखपुर समोधा में हृदय सेवा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस सिद्ध कुटी असनी धाम गंगातट जनपद फतेहपुर से पधारे कथा व्यास स्वामी सूर्य प्रबोधाश्रम जी महाराज (स्वात्मानंद जी महाराज) ने श्रीमद् भागवत कथा  महात्म्य पर चर्चा करते हुए कहा की सदाचार ही मानव जीवन का सबसे उत्तम श्रृंगार है, अगर मनुष्य अपने जीवन में सदाचार की परिभाषा को नहीं समझ पाया है तो उसका जीवन व्यर्थ माना जाता है। साथ ही साथ उन्होंने आगे की चर्चा करते हुए महाराज भरत, महाराज अंग, मनु सतरूपा, दक्ष प्रजापति का यज्ञ सहित अनेक कथाओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। कथा समापन से पूर्व ब्लॉक प्रमुख हिलौली जनपद उन्नाव दिलीप कुमार दीक्षित, बछरावां क्षेत्र के प्रसिद्ध शिक्षाविद् एवं साहित्यकार भगवान कुमार अवस्थी, नगर पंचायत बछरावां के अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह उर्फ राम जी एवं उप निरीक्षक हरिमोहन सिंह ने महाराज जी का माल्यार्पण एवं अंग वस्त्र भेट कर उन्हें सम्मानित किया। तत्पश्चात कथा व्यास महाराज जी के द्वारा स्वरचित श्रीमद् हृदय भागवत का अंक उपस्थित गणमान्य जनों को भेंट किया गया। इस अवसर पर सैकड़ो की संख्या में भगवत प्रेमी एवं श्रोता बंधु उपस्थित रहे।