रायबरेली - पंचायत कर्मियों के आंदोलन ने लिया बृहद रूप

रायबरेली - पंचायत कर्मियों के आंदोलन ने लिया बृहद रूप

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट: ऋषि मिश्रा
मो०न०:9935593647

एडियो पंचायत को सौपा वित्तीय अधिकार रूपी डोंगल 

बछरावां, रायबरेली- ग्राम पंचायत में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारियों व ग्राम पंचायत अधिकारियों का ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में किया जा रहा आंदोलन सोमवार को अपने अंतिम चरण पर पहुंच गया। इन कर्मचारियों द्वारा अपना वित्तीय अधिकार रूपी डोंगल एडियो पंचायत को सौंप दिया गया। इस कार्यवाही के चलते ग्राम सभाओं का कार्य पूरी तरह बंद हो गया। इन कर्मचारियों के द्वारा डोंगल सौंप दिए जाने के बाद अब ग्राम सभाओं में किसी प्रकार का भी भुगतान नहीं हो पाएगा और कार्य पूरी तरह से बाधित हो जाएगा। प्रांतीय प्रतिनिधित्व सुशील कुमार यादव तथा बछरावां अध्यक्ष आलोक कुमार शुक्ला ने कहा की सरकार द्वारा जिस तानाशाही का परिचय दिया जा रहा है, उसमें इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था। ज्ञात हो की इन कर्मचारियों का यह आंदोलन बीते 1 दिसंबर से प्रारंभ हुआ था, शुरुआती दौर में इन कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया और उसके बाद कार्य बहिष्कार तक की चेतावनी दे डाली। परंतु सरकार अपने रवैया पर अडिग रही। आक्रोशित कर्मचारियों द्वारा सोमवार को यह कदम उठाया गया। ब्लॉक अध्यक्ष आलोक कुमार शुक्ला ने कहा की सरकार प्रति ग्राम सभा के अंदर कर्मचारियों की नियुक्ति कर दे, हम लोग ऑनलाइन हाजिरी देने के लिए तैयार हैं। परंतु जिस तरह हम लोगों से कई कई ग्राम सभाओं का कार्य लिया जा रहा है, हमें खुद पता नहीं है कि कितनी टाइम हम किस ग्राम सभा में रहेंगे। इन हालातो में सरकार के इस फरमान को हम पूरा कर पाने में असमर्थ हैं। इस संदर्भ में प्रधान संघ अध्यक्ष अरुण कुमार चौधरी ने कहा की सरकार के इस हिटलरी फरमान के चलते ग्राम सभाओं का विकास पूरी तरह अवरुद्ध हो जाएगा। वैसे भी जिस तरह सरकार ग्राम सभाओं के बारे में अपना दृष्टिकोण रखती है, उस हिसाब से पहले से ही ग्राम सभाएं विकास से वंचित हो रही है। ग्राम सभा अमावा प्रधान दीपक सिंह ने कहा कि वह विभाग जो एक जगह बैठकर अपनी नौकरी करते हैं, वह तो ऑनलाइन हाजिरी दे सकते हैं। परंतु यह फील्ड वर्कर किसी भी तरह ऑनलाइन हाजिरी दे पाने में असमर्थ रहेंगे। क्योंकि इन्हें खुद पता नहीं होता है की कब कितने बजे इन्हें किस ग्राम सभा में पहुंचना है। बुद्धिजीवी वर्ग भी सरकार के इस कदम की निंदा कर रहा है। देखना यह है कि सरकार अपना अड़ियल रवैया छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए क्या कदम उठाएगी।