रायबरेली-चंद रुपयों की खातिर गर्भवती महिलाओं की जिंदगी से खेलते निजी चिकित्सालय, आखिर कब तक,,,,?

रायबरेली-चंद रुपयों की खातिर गर्भवती महिलाओं की जिंदगी से खेलते निजी चिकित्सालय, आखिर कब तक,,,,?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी



रायबरेली प्रतापगढ़ सीमा पर स्थापित हैं निजी चिकित्सालय*

*रायबरेली तक फैला है इन निजी चिकित्सालयों का मकड़जाल*


कई जिदागियों से खेल चुके हैं उक्त निजी चिकित्सालय


ताजा मामला ऊंचाहार की गोकना ग्राम पंचायत से है संबंधित

ऊंचाहार -रायबरेली-प्रतापगढ़ अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आसानी से गर्भवती महिला का प्रशव न हुआ तो तनिक भी देर नहीं लगेगी , फ़ौरन प्राइवेट अस्पताल के लोग पेसेन्ट को उठा लेंगे और फिर उसके साथ आगे क्या होगा आप सब बखूबी जानते व समझते हैं।
कुछ ऐसा ही मामला रायबरेली की ऊंचाहार सीएचसी से सामने आया है जहां गर्भवती का सामान्य प्रसव न होने पर उसे रायबरेली प्रतापगढ़ की सीमा पर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां के स्टाफ ने प्रशव कराने का भर्षण प्रयास किया किंतु मामला बिगड़ता देख परिजन पेसेंट को किसी दूसरे अस्पताल ले जाने की जिद करने लगे ,लेकिन बताया जा रहा है कि इस निजी अस्पताल का स्टाफ इतनी आसानी से पेसेंट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था ,काफी जद्दोजहद के बाद परिजन पेसेंट को मानिकपुर के एक निजी अस्पताल ले गए जहां सर्जरी द्वारा प्रसव कराया गया इधर दूसरे निजी चिकित्सालय संचालक ने मामले की सूचना पुलिस को करवा दी जिसपर लगभग दो दर्जन पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए ,हालाकि कुछ ही देर में पूछताछ के बाद  मामला शांत हो गया और पुलिस कर्मी वापस लौट गए ।
मामला ऊंचाहार के गांव पूरे विंदा पांडे मजरे गोकना का है।
गांव निवासी चांद मोहम्मद की पत्नी साहिदा को रविवार की सायं प्रसव पीड़ा होने पर आशा बहू के सहयोग से सीएचसी में भर्ती कराया गया ,बताते हैं कि सायं लगभग 7 बजे पीड़िता को भर्ती कराया गया था जहां पर सीएचसी स्टाफ द्वारा सामान्य प्रसव करवाने हेतु प्रयास किए गए किंतु विफल रहे ऐसी स्थिति में सोमवार की प्रातः उसे जिलास्पताल के लिए रेफर कर दिया गया ।
बताया जा रहा है की रायबरेली प्रतापगढ़ की सीमा पर बड़े बड़े अक्षरों से सुशोभित ट्रामा सेंटर की एक कर्मचारी जो कि पीड़िता की रिश्तेदार भी बताई जा रही है उसने उसे इसी ट्रामा सेंटर में पीड़िता को भर्ती करवा दिया जहां मामला बिगड़ता देख परिजन आग बबूला हो गए और मरीज को दूसरे अस्पताल ले जाने की जिद करने लगे ,ऐसी स्थिति में इस निजी चिकित्सालय का स्टाफ हांथ आया मरीज भला आसानी से कैसे छोड़ देता,फिलहाल काफी जद्दोजहद के बाद मरीज को मानिकपुर के नरेश नर्सिंग होम नामक एक निजी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया जहां पर सर्जरी द्वारा प्रसव करवाया गया लेकिन पूर्व के निजी चिकित्सालय संचालक इस बात से झिल्लाए हुए थे कि उनके अस्पताल से पेसेंट क्यों गया,इसलिए उन्होंने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को करवा दी।
मामले की सूचना पर नरेश नर्सिंग होम को लगभग दो दर्जन पुलिस कर्मियों ने घेर लिया,काफी देर तक पुलिस ने मामले की पूंछतांछ की और कुछ लिखापढ़ी करवा कर चली गई।
फिलहाल मरीज अभी भी नरेश नर्सिंग होम में भर्ती है।
तो समझने वाली बात होगी कि महज चंद रुपयों की लालच में निजी चिकित्सालय क्या क्या करते हैं ,ऐसी स्थिति में कई बार मरीजों की जान भी चली जाती है।
सीएमओ प्रतापगढ़ ने पूरे मामले की जांच करवाने की बात कही है।