मां को अदालत में बुलाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे दो बच्चे, लखनऊ में रहती हैं महिला प्रोफेसर

नाबालिग बच्चों ने लखनऊ में रह रही मां को अदालत में बुलाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बच्चे प्रोफेसर मां से भरण-पोषण का मुकदमा परिवार न्यायालय में लड़ रहे हैं।
इस कोर्ट के नोटिस पर भी वह नहीं आईं तो विज्ञापन छपवाने का आदेश हुआ।
पैसे के अभाव में बच्चे हाईकोर्ट आ गए। कोर्ट ने मां को 25 मार्च तक हाजिर करने का आदेश देते हुए लखनऊ पुलिस कमिश्नर से लेकर चौकी इंचार्ज तक की कार्यशैली पर डीजीपी से रिपोर्ट तलब कर ली। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की अदालत ने मेरठ निवासी दो बच्चों की याचिका पर दिया है।
बच्चों के पिता प्रशांत सक्सेना ट्यूशन पढ़ाते हैं। उनकी शादी लखनऊ में रहने वाली ज्योति से हुई थी। ज्योति देहरादून के एक फॉर्मेसी कॉलेज में प्रोफेसर हैं। दंपती के 13 साल की बेटी और 12 साल का बेटा है। मतभेद के चलते पति-पत्नी छह साल से अलग रह रहे हैं।
बच्चे पिता संग मेरठ में रहते हैं। बच्चों ने पिता की कम आमदनी का हवाला देते हुए प्रोफेसर मां से भरण-पोषण की मांग की। इस पर मेरठ के पारिवारिक न्यायालय ने मां को कई नोटिस भेजे, लेकिन वह पेश नहीं हुईं।
अदालत ने बच्चों से अखबार में नोटिस छपवाने को कहा, लेकिन पैसे नहीं होने का हवाला देकर बच्चों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को दो बार आदेश दिया कि मां को अदालत में हाजिर कराएं।
अदालत ने बच्चों से अखबार में नोटिस छपवाने को कहा, लेकिन पैसे नहीं होने का हवाला देकर बच्चों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को दो बार आदेश दिया कि मां को अदालत में हाजिर कराएं।
सीजेएम लखनऊ को दी गई अनुपालन आख्या में बताया गया कि पुलिस कमिश्नर ने यह आदेश पुलिस उपायुक्त पूर्व को भेजा। वहां से उन्होंने चिनहट थाना प्रभारी को भेज दिया। थाना प्रभारी ने इसे चौकी प्रभारी को भिजवा दिया।
कोर्ट ने मेरठ में लंबित कार्यवाही पर लगाई रोक
हाईकोर्ट ने पाया कि चारों अधिकारी आदेश को एक टेबल से दूसरी तक बढ़ाते रहे। मां को पेश करने का आदेश पढ़ा ही नहीं। इससे खफा कोर्ट ने डीजीपी को लखनऊ के पुलिस कमिश्नर, पुलिस उपायुक्त ईस्ट, चिनहट थाने के प्रभारी व संबंधित चौकी प्रभारी के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। कोर्ट ने मेरठ में लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी। साथ ही, 25 मार्च को मां और अफसरों की जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश भी दिया।



