Raibareli-धूमधाम से मनाया जाएगा महा शिवरात्रि का पर्व श्रद्धालुओं का सैलाब

Raibareli-धूमधाम से मनाया जाएगा महा शिवरात्रि का पर्व श्रद्धालुओं का सैलाब

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रिपोर्ट- सत्यम बाजपेई

जगतपुर- रायबरेली-महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी तिथि में शनिवार को कई योग संयोगों के बीच मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-आराधना करने पर शिव भक्तों की सभी तरह की  मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-आराधना करने पर शिव भक्तों की सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। देवों के देव महादेव की आराधना का पर्व महाशिवरात्रि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी युक्त चतुर्दशी तिथि में शनिवार को कई योग संयोगों के बीच मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि, व्यातिपात और वरियान योग बन रहा है। करीब 24 साल बाद शनि प्रदोष व्रत का भी संयोग बनेगा। ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस संयोग में पूजा-अर्चना बहुत अधिक शुभ रहने वाली है। शिवलिंग को भगवान शंकर का ही रूप माना जाता है,लेकिन ग्रंथों में इनकी पूजा और परिक्रमा के कुछ नियम बताए गए हैं, जिससे ये जल्दी ही प्रसन्न होते हैं। यदि नियमों का उल्लंघन किया जाए तो शिव पूजा के फल नहीं मिलते और भोलेनाथ रुष्ट होते हैं। सामान्य रूप से सभी देवी और देवताओं की प्रतिमा की परिक्रमा पूरी की जाती है, लेकिन शिवलिंग की परिक्रमा कभी पूरी नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा आधी करनी चाहिए। हालांकि, शिव प्रतिमा की परिक्रमा पूरी की जा सकती है। शिवलिंग की परिक्रमा आधा कर वापस हो लेना चाहिए। आइए जानते हैं क्यों नहीं की जाती शिवलिंग की पूरी परिक्रमा।

जगतपुर में टाघन स्थित श्री झारखंडेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं काशैलाब उमड़ा और देवों का देव महादेव का जलाभिषेक किया प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिखा कि मेले में किसी भी तरह की अव्यवस्था ना होने पाए।