सात आपातकालीन योजनाएं लागू कर पुलिस ने बेतहाशा भीड़ को किया काबू, जल्द मिले नतीजे
हादसे के बाद पुलिस ने देर रात से ही मेले में जाने वाले वाहनों पर रोक लगा दी। जिले की सीमाओं को सील कर दिया और यातायात पुलिस ने 7 आपातकालीन योजनाएं लागू कर भीड़ पर काबू पाया।
इसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को संगम की ओर जाने दिया गया।
मेले के दौरान भीड़ प्रबंध को लेकर पुलिस ने 32 योजनाएं बनाई हैं। इसमें रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, शहर और सीमाओं पर आने-जाने वाली भीड़ को शामिल किया है। मौनी अमावस्या पर्व पर मंगलवार रात से ही मेला क्षेत्र में करोड़ों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ने लगा। इसी बीच हादसे के बाद पुलिस-प्रशासन हरकत में आया और भीड़ नियंत्रण करने के लिए सात योजनाओं को लागू किया।
इसमें स्कीम-13, स्कीम-14, स्कीम-15, डी-वन, डी-टू समेत अन्य दो और आपातकालीन योजनाएं शामिल थीं। इसके अंतर्गत रेलवे स्टेशन से संगम की ओर और संगम से रेलवे स्टेशन जाने वाली भीड़, विभिन्न चौराहों से भीड़ का डायवर्जन और शहर की सीमाओं पर वाहनों पर रोक लगा दी। योजनाओं के अनुसार ही पुलिस ने सतर्कता बरती और श्रद्धालुओं को अलग-अलग रास्ते से संगम की ओर भेज दिया। ब्यूरो
मंगलवार शाम से ही लागू की गईं योजनाएं
पुलिस अफसरों ने बताया कि मंगलवार शाम से ही इन योजनाओं का लागू कर दिया था। श्रद्धालुओं की अचानक संख्या बढ़ने पर जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया। इसमें लखनऊ, कानुपर, भदोही, मिर्जापुर, कौशाम्बी, जौनपुर और प्रतापगढ़ समेत अन्य रूट शामिल थे। इसके अलावा शहर में हर एक किमी पर बैरिकेडिंग रही।प्रयागराज में वाहनों का लोड बढ़ने से वाराणसी से शहर की ओर जाने वाले वाहनों को भदोही के
ऐसे किया गया भीड़ पर काबू
- रीवां की ओर से नैनी के तरफ आने वाले श्रद्धालुओं को अरैल की जाने की अनुमति मिली।
- वाराणसी रूट से झूंसी की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को छतनाग के रास्ते से भेजा गया।
- प्रतापगढ़ और लखनऊ की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को छोटा बघाड़ा की ओर से भेजा गया।
- स्नान के बाद श्रद्धालुओं को मेडिकल चौराहा, पत्थर गिरजाघर व पानी टंकी से जंक्शन जाने दिया गया।
- संगम में स्नान के बाद बाई का बाग, रामबाग, जानसेनगंज होते हुए जंक्शन की ओर भेजा गया।
मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए शहर की सीमाओं पर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। इसके अलावा भीड़ को काबू करने के लिए विभिन्न जगहों पर सात आपातकालीन योजनाओं को लागू किया गया था।
- नीरज पांडेय, डीसीपी यातायात
मृतकों में इनकी हुई पहचान
मनित्रा देवी(50) पत्नी फूलचंद्र विश्वकर्मा निवासी सरायममरेज प्रयागराज nबासुंती पोद्दार(61) पत्नी रविंद्रनाथ पोद्दार निवासी टॉलीगंज, कोलकाता nराजरानी देवी(60) पत्नी जगरूप यादव निवासी सोसुना, थाना गोह, जनपद औरंगाबाद बिहार nगुलाबी
देवी(73) पत्नी बिहारी यादव निवासी रामविशनपुर, देहपुरी, सुपौल बिहार nशिवराज गुप्ता(64) निवासी झारखंड nरामअवध शर्मा(65) निवासी अज्ञात, गुलइचा देवी(60) निवासी अज्ञात nएक मृतक की पहचान बराक घाटी के हैलाकांडी जिले के नीतिरंजन रॉय के रूप में हुई है। चार मृतक कर्नाटक के बेलगावी के हैं।
घायलों में ये शामिल
विमला देवी(65) पत्नी प्रेम कुमार निवासी परसपुर, जनपद गोंडा nशीला सोनी (66) निवासी छतरपुर, मप्र nगुड़िया पांडेय निवासी औरैया गुड़िया का बेटा nनगीना देवी (56)पत्नी कृपाशंकर मिश्रा निवासी आवास विकास झूंसी शामिल है