बेबस पिता बोला- बस एक बार बच्चों को देख लेने दो, ये सुनते ही रो उठा हर कोई

मेरे बच्चों को मुझे एक बार देख लेने दो, मैं एक पल उन्हें निहारना चाहता हूं। फोन पर एक पिता ने जब अपने ससुरालियों से यह कहा, तो सभी रोने लगे और उसके इंतजार में मंगलवार को दोनों मासूम भाई-बहनों का अंतिम संस्कार नहीं किया।बांदा जिले में बबेरू कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बगेहटा के तेली तालाब में महबुलिया विसर्जन के दौरान मासूम भाई-बहन अंकिता और प्रियांशु की डूब कर मौत हो गई थी। प्रियांशु इकलौता जबकि अंकिता तीन बहनों में एक बेटी थी। कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम जिला मुख्यालय भेजा।
पिता मानसिंह मुंबई में बटन बनाने की फैक्टरी में काम करता है। सूचना मिलने पर पिता ने ट्रेन में बैठकर बुधवार सुबह तक आ जाने की बात कही। परिजनों ने बताया कि पिता के आने के बाद बच्चों का दाह संस्कार किया जाएगा। मां माया देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।
बांदा जिले में बबेरू कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बगेहटा के तेली तालाब में महबुलिया विसर्जन के दौरान मासूम भाई-बहन अंकिता और प्रियांशु की डूब कर मौत हो गई थी। प्रियांशु इकलौता जबकि अंकिता तीन बहनों में एक बेटी थी। कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम जिला मुख्यालय भेजा।
पिता मानसिंह मुंबई में बटन बनाने की फैक्टरी में काम करता है। सूचना मिलने पर पिता ने ट्रेन में बैठकर बुधवार सुबह तक आ जाने की बात कही। परिजनों ने बताया कि पिता के आने के बाद बच्चों का दाह संस्कार किया जाएगा। मां माया देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।
तालाब में डूबने से हुई थी मासूम भाई-बहन की मौत
बता दें कि कोतवाली क्षेत्र के बगेहटा गांव के तेली तालाब में महबुलिया विसर्जन के दौरान मासूम भाई-बहन की डूबने से मौत हो गई। बिसंडा थाना क्षेत्र के पल्हरी गांव निवासी मान सिंह कोटार्य की बेटी अंकिता (10) व उसका भाई प्रियांशु (8) रक्षाबंधन के त्योहार पर बगेहटा गांव निवासी अपने नाना रामसजीवन के घर आए थे।
साथियों को इसका पता नहीं चला
सोमवार की शाम पांच बजे शाम गांव के तेली तालाब में महबुलिया दाई की पूजा के बाद विसर्जन करने के लिए अंकिता अपनी सहेलियों के साथ गई थीं। बहन के साथ उसका छोटा भाई प्रियांशु भी गया था। विसर्जन के समय दोनों भाई-बहन तालाब के गहरे पानी में चले गए और डूब गए। साथियों को इसका पता नहीं चला।
तालाब में उतराते मिले थे शव
सभी घर लौट आए। दोनों भाई बहन नहीं पहुंचे, तो उनकी खोज शुरू हुई। इस बीच गांव का युवक अबरार तालाब की ओर से गुजरा तो भाई-बहन के शव तालाब में उतराते मिले। सीओ बबेरू राकेश सिंह ने बताया कि तालाब में डूबने से दो भाई बहन की मौत हुई है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
हादसे के बाद ननिहाल में पसरा मातम
तालाब में डूबकर मासूम भाई-बहन की मौत से उनके ननिहाल में मातम पसरा है। मां माया देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। दोनों बच्चों के पिता मान सिंह कोटार्य गुजरात में एक बटन फैक्टरी में काम करते हैं। वह रक्षाबंधन पर्व में गांव आए थे। उसके बाद वह चले गए थे। पत्नी माया देवी को उसके मायके में छोड़ दिया था।
बटन फैक्टरी में काम करते हैं पति
यहां उसके दोनों बच्चों की तालाब में डूबकर मौत हो गई। मां माया देवी ने बताया कि पिता मान सिंह को घटना की जानकारी दे दी है। वह गुजरात से चल दिए हैं। माया देवी ने बताया कि उनकी ससुराल बिसंडा थाना क्षेत्र के पल्हरी गांव में है। उनको पट्टे की डेढ़ बीघा जमीन मिली थी। पति 17 साल से बटन फैक्टरी में काम करते हैं।
कन्याएं करती हैं महबुलिया दाई की पूजा और फिर विसर्जन
बुंदेलखंड में महबुलिया दाई पूजा की एक अनूठी परंपरा है। कुंवारी बेटियां यह पूजा करती हैं। पितृ पक्ष के दौरान 15 दिन महबुलिया दाई का विसर्जन किया जाता है। इसमें घर के बच्चे भाग लेते हैं और इस दौरान उनमें उत्साह भी रहता है। कांटेदार झाड़ी लगाकर उसमें रंग बिरंग फूल सजाते हैं। उसके बाद महबुलिया दाई के गीत गाते हुए उसे तालाब में विसर्जित करने जाते हैं। बड़े बताते हैं कि पितृ पक्ष में बच्चों के द्वारा देवी को श्रद्धांजलि भी बोलते हैं।

