Raibareli-सूबे के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव को शिक्षकों और कमर्चारियों ने किया याद

Raibareli-सूबे के पूर्व मुखिया मुलायम सिंह यादव को शिक्षकों  और कमर्चारियों ने किया याद

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रिपोर्ट-राहुल मिश्रा

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शिक्षकों और कर्मचारियों के हित में उनकी तरफ से किये गए कार्यों को याद किया। 

शिक्षकों को 4200 ग्रेड-पे देने के साथ ही उनकी सेवानिवृत्ति की आयु को 62 वर्ष किया था। 


रायबरेली-सूबे के पूर्व मुखिया और रक्षामंत्री स्व. मुलायम सिंह यादव को शिक्षकों और कर्मचारियों की तरफ से यादव किया गया। शहर के एक होटल में आयोजित  
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शिक्षकों और कर्मचारियों ने उनकी तरफ से किये गए कार्यों को याद किया। 

जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समर बहादुर सिंह ने कहा कि वह सभी लोगों के नेता थे। उनका जाना भारतीय राजनीति के लिए बहुत बड़ी क्षति है। विधानसभा से लेकर सदन तक नौजवानों, किसानों व गरीबों की बात रखते थे। महामंत्री राघवेंद्र यादव ने कहा कि नेताजी ने हमेशा एक नई राह दिखाने का काम किया। वे विभिन्न संगठन के लोगों के मार्गदर्शक के रूप में रहे। 

डॉ. बलवंत सिंह ने कहा कि शिक्षकों को 4200 ग्रेड-पे देने के साथ ही उनकी सेवानिवृत्ति की आयु को 62 वर्ष भी किया था। इसके अलावा लोकसेवा आयोग ने अंग्रेजी की अनिवार्यता को भी समाप्त किया था।
शिक्षक नेता विजयपाल सिंह और प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे।

प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री शैलेष यादव ने कहा कि उनकी लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर स्थापित किया व एक सामान्य परिवार से निकलकर, समाजवाद की परिभाषा को परिभाषित करने वाले, माटी के नेता, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का निधन भारतीय राजनीति की अपूर्णीय क्षति है।

राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका शांति अकेला ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जी के निधन से राष्ट्र ने एक नायक को खो दिया। इससे बहुत बड़ी क्षति हुई है। शिक्षक नेता गौरव युवराज और सुनील यादव ने कहा कि एक नेता नहीं बल्कि विचारधारा थे। समाजवाद का चमकता सूरज आज अस्त हो गया। उनका संघर्ष, जीवंत पुस्तक है। उनकी उपलब्धियां कालजयी है। उन्होंने संघर्ष की यात्रा से राजनीति में लंबी लकीर खिंची वह सामाजिक न्याय के बड़े पैरोकार थे। उनके अतुलनीय योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

इस मौके पर पंचायतीराज कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र यादव, अटेवा संयोजक इरफान अहमद, डॉ. आरबी यादव, कुमकुम, विनोद यादव, सुनील, रामेश्वर नाथ, अशोक प्रियदर्शी, नीरज कुमार, शिवशरण सिंह, विनोद यादव, रमेश कुमार, सुनील, हीरालाल, शैलेष रावत, जगदीश, अमर सिंह, अखिलेश, राजेश यादव, हरिकेश यादव आदि लोग मौजूद रहे।