लेखनशाला से मिलेगी नए लेखकों के शब्दों को उड़ान

लेखनशाला से मिलेगी नए लेखकों के शब्दों को उड़ान
लेखनशाला से मिलेगी नए लेखकों के शब्दों को उड़ान

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824




रायबरेली । साहित्य समाज का दर्पण है । निराला, कबीर , मीरा की परम्परा को अपनाते हुए रायबरेली के युवाओं ने साहित्य के क्षेत्र में लेखनशाला (शब्दो की उड़ान) नाम से वेबसाइट की पहल की है । जिसका उद्देश्य समाज में विलुप्त हो रही साहित्यिक संस्कृति और नैतिकता को बचाना है। ग़ौरतलब है कि महामारी की भांति पश्चिमी सभ्यता हम भारतीय समाज पर हावी हो रही है लेखन शाला उन सभी नए रचनाकारो के लिए एक उम्मीद की किरण है जो साहित्य के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं , सीखना चाहते हैं । लेखनशाला महज एक वेबसाइट न होकर, समाज में व्याप्त उन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए कार्य करती है जिससे इस समाज को एक नया आयाम प्रदान किया जा सके । इस अनूठी पहल की शुरुआत जनपद के युवा लेखक अभय प्रताप सिंह (संस्थापक) , प्रदीप मौर्य( समन्वयक) अंजनेय और गौतम सिंह ने किया है । संस्था की शुरुआत के लिए पदाधिकारियों ने देश दुनिया में दूसरे जलियांवाला बाग हत्याकांड के नाम से जाने जाने वाले रायबरेली के शहीद स्मारक को चुना । यह संस्था साहित्यिक संस्था के तौर पर पंजीकृत है जिसका उद्देश्य हर उस शख़्स तक पहुंचना है जो लिखना तो जानते हैं पर अपनी रचनाओं को कहीं प्रकाशित नहीं कर पाते। लेखनशाला संस्था अभी हिंदी, अंग्रेज़ी, अवधी, मैथिली, संस्कृत , उर्दू  और गुजराती भाषा में काम करने का प्रयास कर रही है जिसमें टीम के सदस्यों के  साथ - साथ हर एक भाषा के भाषा सलाहकार भी हैं । लेखनशाला संस्था के संस्थापक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि लेखनशाला सिर्फ़ एक संस्था ही नहीं बल्कि परिवार है और इस परिवार में कई सारे लोग अलग - अलग पदों पर रहकर इस संस्था को आगे बढ़ाने में लगे हैं । हमारा मकसद लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना है, न कि उन्हें उदास करना।
वहीं शायर प्रदीप मौर्य प्यारे ने भी शब्दों की उड़ान हमारी पहचान, लेखनशाला की संस्थापना के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला । आशीष प्रजापति,निर्भय कुमार,लकी सिंह, अमित कुमार आदि उपस्थित रहे ।