रायबरेली - ब्लैक स्पॉट घोषित होने के बाद आखिरकार जागा एनएचआई

रायबरेली - ब्लैक स्पॉट घोषित होने के बाद आखिरकार जागा एनएचआई
रायबरेली - ब्लैक स्पॉट घोषित होने के बाद आखिरकार जागा एनएचआई

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रिपोर्ट:ऋषि मिश्रा
मो०न०:9935593647

रेलवे ओवर ब्रिज पर हादसों को रोकने के लिए लगाई गई येलो स्ट्रिप
       
बछरावां रायबरेली- लखनऊ- प्रयागराज राष्ट्रीय राजमार्ग पर कस्बे में बना रेलवे ओवरब्रिज कई वर्षों से मौत का कुआं साबित हो रहा है। अब तक इस ओवर ब्रिज से गिरकर लगभग दो दर्जन लोगों की जानें जा चुकी हैं और सैकड़ो लोग घायल हो चुके हैं। ब्लैक स्पॉट घोषित होने के बाद एन एच आई की नींद टूटी और अब हादसों के रोकथाम के लिए ओवर ब्रिज पर येलो स्ट्रिप लगाई गई है। जिससे हादसे तो कम होंगे ही साथ ही चालक भी तेज झटकों के साथ अपने वाहन की स्थिति को संभाल पाएगा। लखनऊ से प्रयागराज जाने वाले इस मार्ग पर बछरावां कस्बे के निकट रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण लगभग डेढ़ दशक पूर्व हुआ था। इस पुल की डिजाइनिंग को लेकर क्षेत्र के लोगों ने निर्माण के समय ही सवाल खड़े किए थे, परंतु उस वक्त लोगों की बातों को नजरअंदाज किया गया। जिसका नतीजा यह हुआ कि इस पुल से लगभग दो दर्जन लोगों ने गिरकर अपनी जान गवाई है। यहां तक की बड़े-बड़े ट्रक सामान सहित ब्रिज से लगभग 25 फीट नीचे गिर गए और दर्जनों लोग घायल हुए। काफी शिकायतों के बाद एन एच आई ने यहां पर बेरी केटिंग कर लोहे की जाली लगवाई, परंतु वह भी बहुत ज्यादा कारगर साबित नहीं हुई। ब्लैक स्पॉट घोषित होने के बाद अब ब्रिज पर येलो स्ट्रिप, जिसको कि स्पीड ब्रेकर का छोटा रूप भी कह सकते हैं। येलो स्ट्रिप लगने के बाद जैसे ही वाहन इन येलो स्ट्रिप पर चढ़ता है, तो तेज झटके लगने शुरू हो जाते हैं, जिससे वाहन चालक कितना भी नींद या सुस्ती में हो या कहीं कुछ और सोच रहा हो उसका उसका मस्तिष्क तुरंत अलर्ट मोड में आ जाता है और वह अपने वाहन की गति सीमा के साथ-साथ पूरे नियंत्रण में आ जाता है। इस येलो स्ट्रिप के लगने से अब दुर्घटनाओं के कम होने के आसार हैं। क्षेत्र वासियों ने भी खुशी जताते हुए कहा है कि येलो स्ट्रिप लगने से रोज हो रहे हादसे कम होंगे और किसी के घर का चिराग नहीं बुझेगा । 

इनसेट 1:- ब्रिज का घुमावदार होना है हादसे की वजह

लखनऊ से रायबरेली की ओर जाते समय इस ओवर ब्रिज पर चलना किसी खतरे से खाली नहीं है। ओवर ब्रिज इतना घुमावदार बना हुआ है कि जब तक चालक कुछ समझ पाता है तब तक उसके साथ हादसा हो जाता है। पूरे महीने पर गौर किया जाए तो लगभग हादसों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा है। डेढ़ दशक के दौरान इस ओवर ब्रिज से गिरकर लगभग दो दर्जन लोगों की मौत हो चुकी हैं इनमें अधिकांश युवक ही शामिल है। कई सामान लदे ट्रक भी इस ब्रिज के नीचे गिर चुके हैं। 

इनसेट 2:- ब्रिज पर अभी भी नहीं लगी है स्ट्रीट लाइट


इस घुमावदार ओवर ब्रिज पर स्ट्रीट लाइट के लिए खंभे तो लगाये जा चुके हैं, परंतु एक दो खंभो को छोड़कर किसी में भी लाइट जलती हुई नजर नहीं आती है। लापरवाही का आलम यह है कि लाइट न जलने से वाहन चालक को कुछ समझ नहीं आता है कि वह किस दिशा में जा रहा है। और हादसे हो जाते हैं  हालांकि येलो स्ट्रिप लगाए जाने से हादसों पर रोकथाम जरूर होगी, परंतु क्षेत्र वासियों का कहना है कि यदि तेज हाई मास्क लाइटें लगा दी जाए तो आने जाने वालों की और भी सुरक्षा हो सकती है।