रायबरेली में आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती के नाम पर धन की बंदरबांट

रायबरेली में आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती के नाम पर धन की बंदरबांट

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

रायबरेली

-स्थानीय निकाय के निदेशक अनुज कुमार झा बृहस्पतिवार को शहर में विकास कार्यों की हकीकत जानने पहुंचे तो सभासदों ने उन्हें शिकायतों का पुलिंदा थमाया। शिकायत दर्ज कराई कि नगर पालिका में आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती के नाम पर धन का बंदरबांट चल रहा है। पालिका में करीब 400 कर्मियों की तैनाती है लेकिन 800 कर्मियों की तैनाती दिखाकर एक साल में 8.40 करोड़ रुपये खाते से निकाले गए हैं। दो माह से पालिका में तैनात कर्मियों की सूची मांगी जा रही है लेकिन सूची देने को कोई तैयार नहीं है। पालिकाध्यक्ष व ईओ की मिलीभगत से यह सब हो रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए निदेशक ने जांच कराने की बात कही।

बृहस्पतिवार दोपहर करीब तीन बजे शहर पहुंचे निदेशक ने सबसे पहले सारस चौराहा स्थित कूलिंग स्टेशन का जायजा लिया। इसके बाद निदेशक ने राजकीय कॉलोनी के पास स्थित सिद्धार्थ बिहार मोहल्ले में नाला सफाई की हकीकत जानी। पौधरोपण भी किया।

इस दौरान सभासद सतीश कुमार मिश्रा, जय प्रकाश वर्मा, रामखेलावन बारी, पुष्पा यादव के अलावा एसपी सिंह ने निदेशक को पत्र देकर पालिका में विकास कार्यों के नाम पर हो रहे एक-एक भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज कराई।

सभासदों ने बताया कि पालिकाध्यक्ष ने नाली, खड़ंजा, सड़क निर्माण में धन का बंदरबांट किया है। एलईडी लाइटें खराब पड़ी हैं जिन्हें ठीक नहीं कराया जा रहा है। इससे वार्डों में अंधेरा रहता है। पालिकाध्यक्ष के 50 लाख के कार्य कराने के पॉवर को बोर्ड बैठक में वापस ले लिया गया है। बावजूद इसके लिखापढ़ी में इसका जवाब हम लोगों को नहीं दिया जा रहा है।

इसी तरह अन्य कई गंभीर आरोप सभासदों की तरफ से लगाए गए। निदेशक ने सभासदों की तरफ से लगाए गए आरोपों की जांच कराने की बात कही। इस मौके पर एडीएम प्रशासन सिद्वार्थ, ईओ स्वर्ण सिंह व कर निर्धारण अधिकारी ललितेश कुमार सक्सेना मौजूद रहे।

शासन स्तर से आई जांच में सच छिपाने की हो रही कोशिश
रायबरेली शहर में कराए गए विकास कार्यों में हुई गड़बड़ी की जांच शासन तक पहुंच गई है। शासन के निर्देश पर एडीएम न्यायिक विशाल यादव, वरिष्ठ कोषाधिकारी डॉ. भावना श्रीवास्तव को जांच अधिकारी नामित किया गया है। सभासदों ने आरोप लगाया कि शासन स्तर से आई जांच में सच छिपाने की कोशिश की जा रही है। 15 दिन से ज्यादा का समय हो गया है। जांच पूरी नहीं हो पाई है। हम लोगों के बयान तक नहीं लिए गए हैं। पालिकाध्यक्ष और ईओ के इशारे पर जांच को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। राना नगर में खड़ंजा और सड़क का निर्माण, ठेकेदार को 15 लाख रुपये का भुगतान करने समेत अन्य कई कार्यों की जांच शासन स्तर से आए आदेश के बाद शुरू की गई है।

जांच में उजागर हुआ भ्रष्टाचार तो होगी कार्रवाई : निदेशक
मीडिया से बातचीत में स्थानीय निकाय के निदेशक अनुज कुमार झा ने बताया कि बकरीद व अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अलावा बारिश को देखते हुए नालों की सफाई को लेकर क्या तैयारी की गई हैं, यह देखने रायबरेली आया हूं। नालों की सफाई लगभग पूरी हो चुकी है। शेष नालों की सफाई का कार्य जल्द पूरा कराने के लिए कहा गया है। पालिका में तैनात आउट सोर्सिंग

कर्मचारियों के नाम पर धन के बंदरबांट का आरोप सभासदों की तरफ से लगाया गया है। इसकी जांच शासन स्तर से कराई जा रही है। जांच में भ्रष्टाचार उजागर हुआ तो दोषी पालिका के अधिकारियों पर कार्रवाई कराई जाएगी।