बिन गुरु पूरे नाही उद्धार_ " बाबा नानक आखे एहो विचार "व "धन गुरु नानक धन गुरु नानक"

बिन गुरु पूरे नाही उद्धार_ " बाबा नानक आखे एहो विचार "व "धन गुरु नानक धन गुरु नानक"
बिन गुरु पूरे नाही उद्धार_ " बाबा नानक आखे एहो विचार "व "धन गुरु नानक धन गुरु नानक"

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रिपोर्ट-केशवानंद शुक्ला

रायबरेली:गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा गुरुनानक नगर में गुरुनानक देव जी के "जोती जोत समाए" पर्व बहुत श्रद्धा के साथ मनाया गया।
सुबह अमृतवेला से पाठ,कथा,कीर्तन सुखमनी सेवा सोसायटी,गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्किल के वीर व हजूरी रागी भाई अमृतपाल सिंह जी द्वारा  हुआ,उपरांत मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगरूप सिंह जी ने गुरु नानक देव जी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि


 गुरु नानक देव जी कलयुग में परमेश्वर का अवतार थे गुरुजी ने चारों कूटो और नवखंड पृथ्वी को अपने पवित्र उपदेशों से सच्चा सुमेल करके उद्धार किया,गुरु जी जहां चरण रखते थे वह स्थान पूजा स्थल बन जाता था गुरु जी ने हमेशा सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। केवल प्रभु सिमरन की राह दिखाई और किसी वहम भ्रम में नहीं पड़ने  को कहा। 
गुरुद्वारे के वरिष्ठ सदस्य सुरेंद्र सिंह मोंगा ने प्रकाश डालते हुए कहा कि निरंकारी  जोत श्री गुरु नानक देव जी 70 वर्ष 5 महीने 7 दिन इस संसार में सत्यनाम का चक्कर चलाकर आषाढ़  वदी 10 संवत 1596 को स्वर्ग अपने प्रकाश स्वरूप में जा समाएं।
उपरांत अरदास व लंगर का भव्य आयोजन हुआ जिसमें हर वर्ग के श्रद्धालुओ ने लंगर ग्रहण किया। इसमें प्रमुख रूप से त्रिलोचन सिंह मोंगा, हरविंदर सिंह सलूजा, त्रिलोचन सिंह नरूला, हरचरण सिंह मोगा, बलजीत सिंह मोंगा, गुरजीत सिंह तनेजा,गुरभेज सिंह सलूजा पंजाब सिंह मोंगा,नरेंद्र सिंह सलूजा,,अमरजीत सिंह सलूजा,ऋषि सिंह, गुरमीत सिंह, हरमंदर सिंह सलूजा,शम्मी सिंह, निरवेर सिंह,आदि उपस्थित रहे।