रायबरेली-भाद्रपक्ष पूर्णिमा पर उमड़ी आस्था , तर्पण कर पितरों से मांगा आशीष

रायबरेली-भाद्रपक्ष पूर्णिमा पर उमड़ी आस्था , तर्पण कर पितरों से मांगा आशीष

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 रिपोर्ट-सागर तिवारी 

ऊंचाहार-रायबरेली -रविवार को भाद्रपद मास की पूर्णिमा से पितृपक्ष की शुरुआत हो गई, जिस पर गंगा तटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर तर्पण किया और दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति की कामना की। 
        ज्ञात हो कि पितृपक्ष में गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है, क्योंकि माना जाता है कि इससे पितरों को शांति मिलती है और व्यक्ति को पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है. यह पूर्णिमा ऋषि तर्पण के रूप में भी जानी जाती है, जिस दिन अगस्त्य मुनि का तर्पण कर पितृपक्ष का प्रारंभ किया जाता है । रविवार को क्षेत्र के गंगा तटों गोकना , बादशाहपुर गोलाघाट , पूरे तीर आदि स्थानों पर भारी भीड़ उमड़ी । गोकना गंगा घाट पर स्नानार्थियों की भीड़ प्रातःकाल से शुरू हो गई थी । सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग गंगा तट पर पहुंचकर सिर मुड़वाया और तर्पण किया ।  पितरों के तट पर तर्पण के लिए, सुबह पवित्र गंगा नदी में स्नान किया ,फिर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में काले तिल और कुशा मिलाकर "ऊँ पितृभ्य: स्वधा नम:" मंत्र का जाप करते हुए अर्पित किया।  इसके बाद, सात्विक भोजन बनाकर पितरों को अर्पित किया। लोगों ने  ब्राह्मणों को भोजन कराया , और दान-पुण्य किया। गंगा तट के वरिष्ठ पुरोहित जितेंद्र द्विवेदी ने बताया कि यह कर्म पितृ दोष को दूर करने और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। पुरोहित सचिन शर्मा ने बताया कि श्राद्ध पक्ष में 16 दिन के लिए पितृ आसमान से धरती पर उतर गए है। पितृ विसर्जनी अमावस्या तक गंगा किनारे पर पितरों की आत्मा शांति के लिए पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है।