रायबरेली-पशुओं को लगेगा खुरपका-मुंहपका का टीका

रायबरेली-पशुओं को लगेगा खुरपका-मुंहपका का टीका

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 रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार -रायबरेली-राष्ट्रीय पशुधन रोग नियंत्रण के तहत बेजुबान पशुओं को खुरपका- मुंहपका का टीका लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे ब्लाक क्षेत्र के लगभग 60 हजार पशुओं को आच्छादित किया जाएगा। इसके लिए विभाग को लगभग 14 हजार डोज शासन स्तर से प्राप्त कराई गई है। टीकाकरण के बाद पशुओं में होने वाले खुर पका और मुंह पका जैसी गंभीर बीमारियों पर प्रभावी रूप से अंकुश लग सकेगा।
        खुरपका-मुंहपका की समस्या अधिकतर पशुओं में ठंड और वर्षा के मौसम में देखने को मिलती है। इस समय मौसम पूरी तरह से नरम है, विभाग की तरफ से पशुओं को शत-प्रतिशत टीका लगाने के लिए पशुपालकों को पशुपालन विभाग द्वारा लगातार जागरूक किया जा रहा है। पशुपालन विभाग की माने तो यह टीका वर्ष में दो बार छह- छह माह पर पशुओं को लगाया जाता है। पहला टीका वर्ष में और दूसरा ठंड के मौसम में लगता है। टीकाकरण अभियान में 14 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें लगाई गई हैं। इसमें पक्षी के साथ अधिकारी से लेकर पिरामिड अधिकारी भी शामिल हैं। इसके साथ ही एक न्याय पंचायत में दो पशुधन कर्मचारी और दो पैरावेट डोर-टू-डोर जाकर पशुओं को टीका लगाने का काम करेंगे। इस अभियान की निगरानी ब्लाक स्तरीय अधिकारी करेंगे। ‌मुंहपका और खुरपका का टीका चार माह से छोटे पशुओं के बच्चों व आठ माह के गर्भधारण पशुओं को टिका नहीं लगेगा। पुश उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डा अजय कुमार बरनवाल ने बताया कि खुरपका मुंहपका टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो चुकी है। सबसे पहले टीका गोशालाओं में संरक्षित पशुओं को लगाए जा रहे हैं। इसके बाद अभियान के तहत सभी ग्राम पंचायतों में डोर-टू-डोर कर्मचारी जाकर पशुओं का टीकाकरण करेंगे। ‌

मुंहपका-खुरपका बीमारी के लक्षण 

इस रोग के होने पर पशुओं को तेज बुखार होने के साथ ही मुंह से लार गिरने के साथ ही पशु लंगड़ा कर चलने लगता है। जीव और तलवों में छाले पड़ने लगते हैं। खुरों में छाले पड़ने के साथ ही खुरों के बीच में घाव हो जाता है। ‌ इस रोग के प्रभाव में आने वाले पशुओं के दूध उत्पादन में भी कमी हो जाती है।