रायबरेली-सत्य की खोज में आने वाले सभी का सनातन धर्म में स्वागत हो: ऋतेश्वरजी महाराज

रायबरेली-सत्य की खोज में आने वाले सभी का सनातन धर्म में स्वागत हो: ऋतेश्वरजी महाराज

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  रिपोर्ट-सागर तिवारी


रायबरेली-प्रयागराज महाकुम्भ जाते समय रायबरेली में राष्ट्रीय सन्त ऋतेश्वर जी महाराज का भव्य स्वागत किया गया। सीए शिशिर त्रिपाठी के ऑफिस में मीडिया से बात करते हुए ऋतेश्वर जी महाराज ने आईआईटियन बाबा अभय सिंह समेत कई अभिनेत्रियों के संत बनने का समर्थन करते हुए कहा कि मोह माया छोड़ अध्यात्म में सत्य की खोज में आने वाले हर व्यक्ति का स्वागत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि IIT से पास व्यक्ति जीवन से हारकर सत्य की खोज करने के लिए अध्यात्म में आया है। IIT बाबा को सब स्वीकार कर रहे है, संत समाज को भी स्वीकार करना चाहिए। ऐसे लोगों की वज़ह से डायवर्जन की बात उठाने वाले लोगों को सोशल मीडिया और मेन स्ट्रीम मीडिया में कम स्थान मिल रहा है। इसीसे वह नाराज हैं। कोई सत्य रिवील  करने आ रहा है तो नाराजगी क्यो?
वृंदावन से प्रयागराज जाते समय यहां ऋतेश्वर जी महाराज का भक्तों ने जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ को लेकर शास्त्रों में वर्णित है कि जहां अमृत छलका था, वहीं महाकुंभ है। दुनिया में विष फैला हुआ है, मनुष्य के भीतर भी विष और अशांति है, उसे खत्म करने का काम महाकुंभ करेगा। यह महाकुंभ भारत की खोई हुई गरिमा को वापस करेगा। कोई आईआईटी से पढ़कर सत्य की खोज के लिए निकल पड़ा है तो वह ग़लत कैसे हो सकता है। अध्यात्म और सच की खोज ने ही रत्नाकर से बाल्मीकि को बनाया। बुद्ध ने अंगुलीमाल को बुद्धत्व की राह दिखाई। यह बात राष्ट्रीय संत सदगुरु ऋतेश्वर जी महाराज ने शहर के सुपर मार्केट में भेंट के दौरान कही। 
ऋतेश्वर महाराज ने कहा कि महाकुंभ आनंद की प्राप्ति करा रहा है। यह ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म का संगम है। जब जन सेवक इस तरह के आयोजन को भव्यता कि रूप देते हैं तो महाकुंभ का स्वरूप बड़ा हो जाता है। महाकुंभ में यदि दुनिया की दौलत लुटा दी जाए तो भी कम है। महाकुंभ शांति और आनंद का प्रतीक है, इस पर जितना पैसा खर्च हो वह कम है। लोग इसी के चलते सत्य को जानने और आनंद की अनुभूति करने के लिए निकलते हैं। खुद के साथ यूनीवर्स के आनंद को हासिल करते हैं। दुनिया भर में सत्य और सनातन के बारे में लोगों को जानकारी होती है। 
फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी के महामंडलेश्वर बनने की बात पर ऋतेश्वर जी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति और धर्म से कोई कभी भी जुड़ सकता है। इसके लिए कोई बंधन नहीं है। आईटीएन बाबा पर कहा कि महाकुंभ में सभी सच रूपी अमृत की खोज में जा रहे हैं। एक व्यक्ति जो जीवन से हार गया, टार्चर से परेशान होकर सत्य की खोज के लिए निकल पड़ा तो गलत क्या है। उन्होंने जो कुछ भी अभी तक पढ़ा है, उसे सनातन में रिवील कर रहे हैं तो यह महाकुंभ की खोज है। कुछ लोग कह रहे हैं कि रील से फेमस हो रहे हो, अरे जब तुम रील से फेमस हुए तो कुछ नहीं और कोई दूसरा रील से फेमस हो रहा है तो गड़बड़। कहा कि धर्म और अध्यात्म में कोई अंतर नहीं है। हर इंसान को सत्य जानने का अधिकार है। ऐसे में वह खुद अध्यात्म से सत्य की खोज कर खुद आनंदित हो और दूसरे को भी आनंदित करे।