रायबरेली-हजरत अब्बास को याद करके नम हुई आंखें, हर घर हुई नजर हाजिरी

रायबरेली-हजरत अब्बास को याद करके नम हुई आंखें, हर घर हुई नजर हाजिरी

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   रिपोर्ट-सागर तिवारी

.......ये वफाओं का खुदा है, तो खुदा कहते हैं



ऊंचाहार-रायबरेली- सोमवार को आठवीं मुहर्रम का विशेष आयोजन हुआ।इस दौरान कई परिवारों में नजर हाजिरी की रस्म पूरी की गई।आठवीं मुहर्रम हजरत अब्बास की कर्बला में जांबाजी के बखान का दिन होता है।

     ऊंचाहार में सोमवार को आठवीं मुहर्रम हजरत अब्बास की याद में मनाई गई।अपनी जांबाजी और हज़रत इमाम हुसैन के कुनबे के प्रति समर्पण के कारण हज़रत अब्बास का नाम कर्बला के शहीदों में बड़ा अहम है । अब्बास ने अकेले ही दुश्मन यजीद की फौज को शिकस्त देने की कूवत थी, लेकिन कुनबे के हालात और भूख प्यास के कारण दुर्बल हो चले शरीर ने साथ नहीं दिया,जिसके कारण दुश्मन के हाथों उनका कत्ल हो गया। इस दिन शिया समुदाय के लोग बाहर से अपने घर पहुंचकर नजर हाजिरी की रस्म पूरी करते है। इस दौरान हजरत अब्बास के अलम का जुलूस निकला। जिसमे हजारों लोगों ने मातम किया। नगर में पूर्व में दिवंगत हो चुके जहीन हैदर , नसीर मियां ,वजीर हैदर , आफताब हैदर, नजमुल हसन आदि के यहां नजर हाजिरी की विशेष रस्म संपन्न हुई । नगर के अली मुक्तदा के अजाखाने में मजलिस हुई । जिसमे ओवेश नकवी ने  हज़रत अब्बास का हुसैन के परिवार के प्रति समर्पण को याद करते हुए पढ़ा कि ," नामे अब्बास को तक़दीरे वफा कहते है , वो वफाओं का खुदा है तो खुदा कहते है " तो अजादरों की आंखे सजल हो गई । उन्होंने कहा कि हज़रत अब्बास की शहादत ने कर्बला को हिला दिया था । आज उनकी जांबाजी और वफा को दुनिया याद करती है । कार्यक्रम को सम्पन्न कराने में असरफ हुसैन असद ने बड़ी भूमिका अदा की। इस मौके पर रज़ा हुसैन (सलमान), सिबतैन अब्बास, शाजू नकवी ,इरफान अब्बास,वफ़ा अब्बास, शोएब हैदर,समीर हैदर, नाजिर हैदर मुश्ताक हुसैन, नासिर हैदर, डाक्टर नैय्यर, ताबिश हैदर मसर्रत नक़वी, मसरूर हैदर , सरकार नक़वी आदि मौजूद थे।अंन्जुमन -ए-नक़विया  के जरनल सेक्रेटरी सुल्तान अब्बास (फ़िरदौस) ने आए हुए दूर दराज के श्रद्धालु, पुलिस प्रशासन, टाउन एरिया सभी लोगो का शुक्रिया अदा किया।