रायबरेली-ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गंगा तटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब,,,,

रायबरेली-ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गंगा तटों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब,,,,

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               रिपोर्ट-सागर तिवारी

- लोक मान्यताओं के अनुसार हुई ग्राम देवता की पूजा

 - गोकना गंगा घाट पर ज्येष्ठ मास पूर्णिमा के अवसर पर स्नान के लिए उमड़ी भीड़

ऊंचाहार-रायबरेली-शनिवार  को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर क्षेत्र के गंगा तटों पर आस्था , श्रद्धा और भक्ति का संगम अद्भुद संगम देखने को मिला है। अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं में गंगा में आस्था की डुबकी लगाई है। हर बार की तरह इस बार भी ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भक्तों का तांता गंगा घाट पर लग गया। 
    श्रद्धालुओं ने क्षेत्र के गंगा घाट गोकना, बादशाहपुर , पूरे तीर आदि घाटों पर गंगा स्नान के बाद तट पर स्थित देवी-देवताओं के मंदिरों में पूजा अर्चना कर अपने तीर्थ पुरोहितों को अन्न दान द्रव्य दान वस्त्र दान देकर अपना व अपने कुटुंब के कल्याण की कामना की। मान्यता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़े भी गंगा में स्नान करते नजर आए। गर्मी के इस मौसम में बच्चे नदी में आस्था की डुबकी के साथ-साथ मस्ती करते भी नजर आए। सभी में मां गंगा में स्थान करने के बाद मंदिरों में जाकर मत्था टेका।

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 *यह है महत्व* 

गोकना गंगा घाट के वरिष्ठ पुरोहित जितेंद्र द्विवेदी ने पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि, ज्येष्ठ पूर्णिमा की पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान व दान का विशेष महत्व है। जेष्ठ माह की पूर्णिमा को वट पूर्णिमा भी कहा जाता है, आज के दिन श्वेत वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है।वहीं भगवान विष्णु की मूर्ति को शंख में केसर युक्त दूध डालकर स्नान कराने व उन्हें पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने से घर की सभी समस्याओं का समाधान हो जाता है। श्रद्धालु इस दिन पूजा अर्चना करके अपने परिवार और अपनों के कल्याण की कामना करते हैं। 

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*लोक परंपराओं का हुआ निर्वहन* 

लोक परम्परा के अनुसार ज्येष्ठ मास के अंतिम दिन गांवों में ग्राम देवता की सामूहिक पूजा और भंडारे का आयोजन किया जाता है। अगले दिन प्रातःकाल गांव के लोग सामूहिक रूप से नदी में जाकर स्नान करते हैं । इसी परंपरा का शुक्रवार को क्षेत्र के कई गांवों में निर्वाहन किया गया। गांव में सामूहिक भोज हुआ । शनिवार को प्रातः ग्रामीणों का झुंड गंगा तट पर पहुंचा और स्नान के बाद सभी के कल्याण की कामना की गई।