रायबरेली-बड़ा इमामबाड़ा में गूंजी या हुसैन की सदाएं , हसनैन मुस्फाबादी ने तकरीर में बताया करबला का वाक्या

रायबरेली-बड़ा इमामबाड़ा में गूंजी या हुसैन की सदाएं , हसनैन मुस्फाबादी ने तकरीर में बताया करबला का वाक्या

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     रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली- सोमवार से मुहर्रम शुरू हो गया । जगह जगह मजलिशें शुरू हो गई है।  बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर अजादारी की है।
     नगर से लेकर गांव तक में मजलिसों में शिया धर्म गुरुओं ने कर्बला में हजरत ईमान हुसैन इब्न अली और उनके 72 साथियों के साथ हुए जुल्म की दास्तां सुनाई तो लोगों की आंख भर आई । सोमवार को दिन भर  मजलिसों का दौर चलता रहा। 
    ऊंचाहार कस्बे में तंजीमे हैदरी  के युवाओं ने पूरे नगर में हजरत इमाम हुसैन की याद में झंडे और होर्डिंग लगाई। नगर के बड़ा इमामबाड़ा में सुबह से शुरू हुई मजलिस रात तक चलती रही ।मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना हसनैन मुस्तफाबादी ने कर्बला की घटना बताते हुए पढ़ा कि " पानी की तलब तो तो एक काम किया कर, कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर , दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत , दुश्मन हो मुक़ाबिल तो मेरा नाम लिया कर " सुनकर या हुसैन की सदाएं गूंजने लगी । मजलिस को मौलाना अली रेजा ने भी संबोधित किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से डा. अजहर अब्बास नकवी , असरफ हुसैन असद ,ओवैस नकवी , तुराब हैदर,  अजादार हुसैन  , शाजू नक़वी, अता हुसैन , शानू नकवी , सरवर हुसैन समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।