Raibareli-आखिर कौन है प्रधान पुत्र जो बना रह है दबाव

Raibareli-आखिर कौन है प्रधान पुत्र जो बना रह है दबाव
Raibareli-आखिर कौन है प्रधान पुत्र जो बना रह है दबाव

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रिपोर्ट-ओम द्विवेद(बाबा)
मो-8573856824

प्रधान पुत्र बना रहा बाबू पर दबाव,भ्रामक विडियो वायरल कर बाबू की छवि को कर रहा धूमिल

हसनपुर ग्राम सभा से जुड़ा है मामला

 रायबरेली-अधूरी फाईल पर हस्ताक्षर का दबाव बना रहे प्रधान पुत्र कों मना करने का खामियाजा ब्लाक कार्यालय में तैनात बाबू कों मानसिक रूप से भुगतना पड़ रहा। जिसको लेकर ब्लाक कर्मियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा हैं।
      बताते चले की गुरुवार कों सोशल मीडिया पर विकासखंड कार्यालय में तैनात लिपिक आशुतोष श्रीवास्तव का अपने कार्यालय में बैठ नोट गिनने का वीडियो चर्चा में हैं। जिसमें एक व्यक्ति बाबू कों घूस की रकम ना गिनने की बात खुलेआम कह रहा वहीं बाबू घूस की रकम ना होने की बात वीडियो में कहते नजर आ रहे। गुरुवार कों वायरल हुए वीडियो से पूरे क्षेत्र में चर्चाओ का बाजार गरम हैं। प्रकरण की तहकीकात करने पर सामने आया की रुपए गिनने का वीडियो 28 जून 2022 का हैं वहीं गिना जा रहा रुपया क्षेत्र पंचायत के तहत होने वाले टेंडर की कासन मनी हैं जिसकी गिनती कर बाबू ने वह रकम बैंक में जमा कर रजिस्टर में इंट्री की हैं। जिसके साक्ष्य भी उच्चाधिकारियों द्वारा शुक्रवार कों देखें गए। जिसमें वायरल वीडियो में भ्रष्टाचार एवं रिश्वत की रकम गिनने का का आरोप बेबुनियाद निकला। अब मामला दूध का दूध- पानी का पानी होने के बावजूद वीडियो चला ज़िम्मेदार पद पर तैनात लिपिक की छवि कों धूमिल कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की मंशा पर अनेकों सवाल खड़े हो रहे। मामले में ब्लाक कर्मियों एवं लिपिक आशुतोष श्रीवास्तव ने बताया की एक गांव के प्रधान पुत्र द्वारा पिछले एक माह से अधूरी फाईल पर हस्ताक्षर करने कों लेकर दबाव बनाया जा  रहा, जिस पर दस्तावेज पूरे करने पर ही हस्ताक्षर करने की बात लिपिक द्वारा कह फाईल वापस कर दीं गयी। जिस पर काम होता ना देख पहले तो प्रधान पुत्र द्वारा बुधवार कों व्हाट्सअप ग्रुपों पर लिपिक पर भ्रष्ट होने का आरोप लगा दबाव में लेने का प्रयास किया  गया वहीं गुरुवार कों सोशल मीडिया के कई मंचों पर फर्जी वीडियो चलवा कर लिपिक के चरित्र पर दाग लगाने एवं दबाव बनाने की पुरजोर कोशिश की गयी।
मामले में बीडीओ वर्षा सिंह ने बताया की प्रकरण की जांच की गयी हैं वायरल वीडियो पर लग रहे आरोप बेबुनियाद हैं। कर्मचारियों कों प्रताड़ित करने वालों के बारे में भी उच्चाधिकारियों कों अवगत कराया गया हैं।