महिला ने पुलिस इंस्पेक्टर पर लगाया है मारपीट-दुष्कर्म का आरोप, कोर्ट ने कहा- सहमति से बने संबंध हिंसा का लाइसेंस नहीं
कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा है कि सहमति से बनाए गए संबंध मारपीट के लिए लाइसेंस नहीं देते हैं। यह मामला एक सेवारत सर्कल इंस्पेक्टर से जुड़ा है, जिस पर एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मारपीट और धमकी सहित विभिन्न अपराधों का आरोप लगाया था।
आरोप लगाने वाली महिला पुलिस कांस्टेबल की पत्नी भी है।
कांस्टेबल की पत्नी ने लगाए आरोप
शिकायतकर्ता और आरोपित के बीच संबंध 2017 में शुरू हुआ, जब वह भद्रावती ग्रामीण पुलिस स्टेशन गई थी। मई 2021 में महिला ने पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि इंस्पेक्टर ने उसका शारीरिक और यौन उत्पीड़न किया।
स्थिति तब और बिगड़ गई जब इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर धमकी दी कि अगर महिला ने अपनी शिकायत वापस नहीं ली तो वह उसके बच्चों को नुकसान पहुंचा देगा। इसके परिणामस्वरूप भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अतिरिक्त आरोप जोड़े गए।
शिकायतकर्ता का अपहरण कर लिया
नवंबर 2021 में इंस्पेक्टर ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता का अपहरण कर लिया। वह उसे एक होटल में ले गया जहां, उसने उसके साथ मारपीट की और अगली सुबह उसे सागर बस स्टाप पर छोड़ दिया।
महिला ने एक और शिकायत दर्ज की, जिसमें दुष्कर्म, अपहरण, गलत तरीके से बंधक बनाना, हत्या का प्रयास और मारपीट सहित विभिन्न आइपीसी धाराओं के तहत अपराध का आरोप लगाया। इंस्पेक्टर ने इन आरोपों का विरोध करते हुए दावा किया कि संबंध शुरू से ही सहमति से थे। उसने निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत संबंधित चेक बाउंस मामले में खुद को बरी किए जाने का हवाला दिया।
बार-बार दुष्कर्म के आरोप को खारिज कर दिया
जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने रिश्ते में सहमति को स्वीकार करते हुए धारा 376 (2) (एन) के तहत बार-बार दुष्कर्म के आरोप को खारिज कर दिया, लेकिन हमले, धमकी और हत्या के प्रयास से संबंधित अन्य आरोपों को बरकरार रखा।