रायबरेली-आखिर क्या वाकई NTPC दोषी बनेगी 17 श्रमिकों मौत का पढ़े पूरी खबर,,,,,?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 



ऊंचाहार-रायबरेली-एनटीपीसी ऊंचाहार प्रबंधन की हठधर्मिता ने एक दर्जन से अधिक बेरोजगार हो गए कर्मचारियों के सामने करो या मरो की स्थिति आ गई है। नतीजतन तीन महीने पहले एनटीपीसी की राख उपयोगिता विभाग से निकाले एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों ने अब अपना जीवन दांव पर लगा देने की घोषणा की है। जिलाधिकारी को दी गई अपनी आखिरी गुहार में कर्मचारियों ने 14 जुलाई को गोकना घाट पर जलसमाधि लेने का निर्णय लिया है।   
बताते चलें कि पिछले 13 वर्षों से एनटीपीसी की राख उपयोगिता विभाग में काम कर रहे एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को प्रबंधन ने अचानक बीती एक अप्रैल से काम से हटा दिया गया है। तब से ये सभी बेरोजगार हो गए। इसके बाद पीड़ित कर्मचारियों ने महीनों एनटीपीसी के उच्चाधिकारियों समेत श्रमायुक्त, डीएम, सीएम,  पीएम समेत अन्य अफसरों से न्याय की गुहार लगाई। अपनी लड़ाई के लिए इन कर्मचारियों ने लखनऊ से लेकर दिल्ली तक पहुंच कर अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई। लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं हुआ। पीड़ित कर्मचारियों राजेश सिंह,  दुर्गेश बाजपेई, राजेंद्रकुमार दीक्षित, विपिन शुक्ला, वीरेंद्र कुमार, अमित दुबे, प्रसाद, इमरान, दिलीप, लालजी, तुलसी राम, राम सजीवन, केशव दास, सौरव आदि ने बताया कि स्थानीय एनटीपीसी प्रबंधन की हठधर्मिता के चलते उन्हें निकाला गया है।  केंद्रीय श्रमायुक्त के निर्देश के बावजूद प्रबंधन काम पर नहीं रख रहा है। बेरोजगारी के चलते परिवार भुखमरी के कगार पर है।  इससे क्षुब्ध सभी बेरोजगार हो चुके कर्मचारियों ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आगामी 14 जुलाई को गोकना घाट पर करेगे सामूहिक आत्मदाह कर अपनी जान देने का संकल्प व्यक्त किया है।