रायबरेली-श्रमिकों के आत्मदाह की चेतावनी के बाद हरकत में आया प्रशासन जाने क्या किया वादा,,,,,?

रायबरेली-श्रमिकों के आत्मदाह की चेतावनी के बाद हरकत में आया  प्रशासन जाने क्या किया वादा,,,,,?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 



ऊंचाहार-रायबरेली-एनटीपीसी ऊंचाहार के अंतर्गत राख निस्तारण विभाग से निकाले गए श्रमिकों के आत्मदाह की चेतावनी के बाद हरकत में आए स्थानीय अधिकारियों ने एनटीपीसी के अफसरों व निकाले गए श्रमिकों के साथ बैठक कर हल निकालने की कोशिश की। एनटीपीसी के अफसरों ने 15 दिन में समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया। तब लिखित आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारियों ने 14 जुलाई को गोकना घाट पर  सामूहिक जल समाधि लेना 15 दिनों तक स्थगित कर दिया।
गौरतलब है कि एनटीपीसी  प्रबंधन ने राख निस्तारण विभाग में वर्षों से काम कर रहे एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को पहली अप्रैल से निकाल दिया।तीन महीने तक नौकरी पर रखने की खातिर पीड़ित कर्मचारी जिला प्रशासन से लेकर लखनऊ व दिल्ली तक दौड़ लगा कर थक चुके थे। नतीजतन निष्कासित कर्मचारियों ने एनटीपीसी प्रबंधन पर हठधर्मी का आरोप लगाते हुए आत्महत्या करने की चेतावनी प्रशासन को दे दी। जिसमें बताया गया कि एनटीपीसी प्रबंधन ने उनके परिवार को बेसहारा छोड़ दिया है। इस जिंदगी से बेहतर मौत को गले लगाना है। उन्होंने जिलाधिकारी को दिए अल्टीमेटम में  बताया कि वह सभी 14 जुलाई को  गोकना घाट पर सामूहिक रूप से जल समाधि लेंगे। इस से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। डीएम के निर्देश पर एसडीएम ने एनटीपीसी अधिकारियों के साथ पीड़ित कर्मचारियों के साथ बैठक ली। जिसमें एनटीपीसी अधिकारियों ने 15 दिन का समय मांगा। इसके बाद पीड़ित कर्मचारियों ने लिखित आश्वासन मिलने के बाद जल समाधि लेने को स्थगित कर दिया है। पीड़ित कर्मचारियों विपिन शुक्ला, लालजी, राजेश सिंह,  दुर्गेश बाजपेई, राजेंद्रकुमार दीक्षित, वीरेंद्र कुमार, अमित दुबे,  मो. इमरान, दिलीप, सौरव कुमार, तुलसी राम, राम सजीवन, केशव दास ने बताया कि प्रशासन के साथ बैठक में एनटीपीसी प्रबंधन ने दुबारा काम पर रखने के लिए 15 दिन का समय लिया है। उनके लिखित आश्वासन पर जल समाधि लेने का निर्णय फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। एसडीएम ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से देखने और सर्वमान्य हल की बात कही है। पीड़ित कर्मचारी सहमत हैं। अगला कोई आत्मघाती कदम नहीं उठाएंगे।