रायबरेली-निकला यौमे अशुरा का जुलूस ,जगह हुआ मातम, दफन हुए ताजिया

रायबरेली-निकला यौमे अशुरा का जुलूस ,जगह हुआ मातम, दफन हुए ताजिया

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रिपोर्ट-सागर तिवारी

आज शब्बीर पे क्या आलमे तन्हाई है...

ऊंचाहार-रायबरेली-बुधवार को दशवीं मुहर्रम पर यौमे अशुरा का जुलूस नगर से लेकर कस्बों तक में निकला है। हर तरफ मातम,आंखो मे आँसू लिए अक़ीदत मंद  यजीद के जुल्म के खिलाफ  आवाज बुलंद करते रहे | इस बीच मुस्लिम धर्म गुरुओ ने  यजीद  की तुलना आज के आतंकवादियो से की तो जुलूस मे जमकर आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे भी बुलंद हुए  |
      बुधवार को ऊंचाहार में जुलूस की शुरुआत बड़े इमामबाड़े से ओवेस नकवी के मर्सिया से हुई | उन्होने पढ़ा  कि ‘’’ आज शबबीर पे क्या आलमे तनहाई है ,जुल्म की चंद पे जहरा के घटा छाई है ‘’ के साथ सीनाजनी , छूरी और जंजीर का मातम शुरू हुआ | जुलूस आगे बढ़ा  , जिसमे हजारो की  संख्या मे महिलाएं , पुरुष  , बड़े और बुजुर्ग शामिल थे | इस जुलूस मे शामिल होने के ग्रामीण  क्षेत्रो से बड़ी संख्या संख्या मे हिन्दू समुदाय के लोग भी आए थे | जुलूस के रास्ते मे जगह जगह लंगर का भी लोगो ने  आयोजन किया था | रास्ते मे नोहा ख्वानी भी होती रही , तो तकरीर भी होती थी | इमाम चौक पर हसनैन मुस्तफाबादी ने कहा कि विश्व मे आतंकवाद के खिलाफ सबसे पहली आवाज इमाम हुसैन ने बुलंद की ,और इसके लिए उन्होने अपने पूरे कुनबे की कुर्बानी दे दी | उन्होंने कहा कि भारत हुसैन की चाहत का देश है , इसीलिए वह भारत आना चाहते थे , क्योकि इंसानियत विश्व मे कही है तो वह मेरा भारत देश है | यहाँ पर छोटे बच्चे  अता हुसैन का मातम सभी की आंखो को नम कर रहा था | जुलूस मे अशरफ हुसैन असद, शाह आलम,माजू, मसरुर हैदर,कैसर अब्बास,हादी हुसैन, समीर नक़वी फ़राज़ नक़वी, सैफ़ नक़वी,शमशाद हुसैन, हुसैन मेहंदी,इन्तिजार नक़वी,अंन्सर नक़वी मंन्ज़र नक़वी, पिंटू नक़वी , शाजू नकवी , सरकार नक़वी आदि बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।  दिन भर चले जुलूस का समापन शाम को कर्बला मे हुआ | इसी के साथ अलबिदाई संपन्न हो गई।