Raibareli-मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति को खंड शिक्षा अधिकारी बछरावां द्वारा खुली चुनौती*

Raibareli-मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति को खंड शिक्षा अधिकारी बछरावां द्वारा खुली चुनौती*

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रिपोर्ट-शिवम त्रिवेदी

  बछरावां-विकास खंड के अंतर्गत ग्रामसभा इचौली के दैजुआखेड़ा गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय के निर्माण में हुए लाखों रुपये के घोटाले के बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा कोई कार्यवाही न कर उसको खुला संरक्षण देने की चर्चा वर्तमान में पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।ज्ञात हो कि वर्ष 2013-14 में स्वीकृत प्राथमिक विद्यालय दैजुआखेड़ा,इचौली में  मुख्य भवन,बाउंड्रीवाल,रसोईघर एवम शौचालय के निर्माण हेतु भेजी गई समस्त धनराशि वर्ष 2015 में बैंक से आहरित कर ली गई तथा 8वर्ष बीत जाने के बाद भी बाउंड्रीवाल एवम शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया।*
*इस महा घोटाले की जानकारी होने पर स्थानीय ब्यक्ति के द्वारा जब जुलाई माह में मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की गई तब खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा आरोपी शिक्षक को बचाते हुए यह आख्या दी कि निर्माण प्रभारी ने 15 दिवस के अंदर रसोईघर का कार्य पूर्ण कराने का आश्वासन दिया गया है तथा भूमि विवाद के कारण चहारदीवारी का निर्माण नहीं कराया गया।लाखों के घोटाले के बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा आरोपी शिक्षक को बचाते हुए भ्रामक सूचना उच्चाधिकारी को भेजी गई।स्थानीय लोगो का कहना है कि कोई भी कर्मचारी बिना कार्य कराए ही सरकारी धनराशि कैसे निकाल सकता है।क्या भूमि विवाद के नाम पर धनराशि गबन की जा सकती है।जब खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा यह आख्या दी जा रहीं है कि शौचालय का निर्माण ग्राम प्रधान द्वारा कराया गया तब भूमि विवाद नहीं था,शौचालय निर्माण की धनराशि क्यों नहीं जमा की गई।बिना बाउंड्रीवाल व शौचालय बनवाये 8 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद लगभग एक लाख पच्चास हजार की सरकारी धनराशि भूमि विवाद के नाम पर अपनी जेब मे रखने वाले शिक्षक पर कोई कार्यवाही न होना मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति को खुली चुनौती है।विगत1वर्षों से विभिन्न समाचारपत्रों सोशल मीडिया द्वारा इस घोटाले की चर्चा पूरे क्षेत्र में होने के बावजूद कोई कार्यवाही न होना यह दिखा रहा है कि बछरावां विकास क्षेत्र में मुख्यमंत्री के आदेशों की कोई वैल्यू नहीं है।* 
 *लोगो का यह भी कहना है कि शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में ग्रामपंचायत द्वारा शौचालय का निर्माण करा लिया गया था तथा वर्तमान में कायाकल्प योजना से चहारदीवारी का निर्माण कराकर इस घोटाले पर पर्दा डालने की पूर्ण कोशिश की जा रही है।*