बड़ी खबर रायबरेली-सात हजार रुपए रिश्वत लेते राजस्व कर्मी सहयोगी सहित रंगे हाथ गिरफ्तार , एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई

बड़ी खबर रायबरेली-सात हजार रुपए रिश्वत लेते राजस्व कर्मी सहयोगी सहित रंगे हाथ गिरफ्तार , एंटी करप्शन टीम ने की कार्रवाई

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 रिपोर्ट-सागर तिवारी

ऊंचाहार-रायबरेली- करीब तीन साल से निलंबित और पुलिस से वांछित चल रहा राजस्व कर्मी न सिर्फ तहसील में बैठकर सरकारी कामकाज निपटा रहा था अपितु रिश्वत का लेनदेन भी कर रहा था । गुरुवार को एंटी करप्शन टीम ने उसे साथ हजार रूपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है , उसके साथ उसका निजी सहयोगी पर पकड़ा गया है । दोनों के विरुद्ध ऊंचाहार कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है । 
      यह कार्रवाई लखनऊ से आई एंटी करप्शन टीम ने गुरुवार की पूर्वाह्न की है । टीम के निरीक्षक विनोद कुमार यादव के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई से तहसील में हड़कंप मच गया । मामला पुलिस द्वारा की गई शांति भंग की कार्रवाई का मामला खत्म करने को लेकर था । क्षेत्र के गांव पट्टी रहस कैथवल निवासी संतोष कुमार से तहसील में अहलमद का काम देख रहे के बी सिंह ने शांति भंग की पुलिस कार्रवाई को समाप्त करने के लिए सात हजार रुपए रिश्वत मांग रहे थे । गुरुवार की पूर्वाह्न वह रिश्वत की रकम लेकर तहसील पहुंचे और के बी सिंह और उनके सहयोगी निजी कर्मी ललित कुमार को रिश्वत की रकम दे दी । इसी बीच पहले से घात लगाए बैठी एंटी करप्शन टीम ने उन्हें दबोच लिया । इसके बाद टीम उनको लेकर कोतवाली पहुंची और दोनों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है । एंटी करप्शन टीम के प्रभारी विनोद यादव ने बताया कि दोनों का चिकित्सीय परीक्षण कराने के बाद स्थानीय पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है ।


निलंबित और पुलिस से वांछित चल रहा था कर्मचारी 

बताया जाता है कि एंटी करप्शन टीम द्वारा रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए के बी सिंह निलंबित चल रहे थे । करीब तीन साल पहले उनकी तैनाती जिले के अभिलेखागार में थी । जहां उन्होंने अभिलेखों को गायब कर दिया था । उस समय रायबरेली की जिलाधिकारी रही माला श्रीवास्तव ने मामले में कुल पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था । उनके। विरुद्ध अमेठी जनपद में अभिलेखों में हेराफेरी का मुकदमा भी पंजीकृत है । जिसमें पुलिस उनकी तलाश कर रही थी । अमेठी पुलिस दो बार ऊंचाहार तहसील उनकी गिरफ्तारी के लिए आई थी किंतु यह कर्मचारी भाग गया था । अब सवाल यह उठता है कि पुलिस के वांछित और निलंबित कर्मचारी कैसे तहसील में महत्वपूर्ण सरकारी कामकाज निपटा रहा था ।

तहसील में मची भगदड़ , और पसर गया सन्नाटा

एंटी करप्शन टीम ने राजस्व कर्मी और उसके सहयोगी को जब रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ा तो उसने विरोध भी किया । उसके बाद टीम एक सदस्य  ने उसको कई थप्पड़ जड़ दिए । जिसके बाद वहां कर्मचारियों में भगदड़ मच गई । एक एक करके सारे कार्यालय बंद हो गए और सारे कर्मचारी भाग गए । यहां तक कि एसडीएम और तहसीलदार के  कक्ष में भी ताला बंद हो गया ।