बसपा सरकार में फर्जीवाड़े का बड़ा दावा, मायावती के सीएम रहते उनके भाई और भाभी को 46 फ़ीसदी छूट पर मिले 261 फ्लैट्स

बसपा सरकार में फर्जीवाड़े का बड़ा दावा, मायावती के सीएम रहते उनके भाई और भाभी को 46 फ़ीसदी छूट पर मिले 261 फ्लैट्स

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उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती के कार्यकाल के दौरान उनके भाई और भाभी को गलत तरीके से फ्लैट देने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आधिकारिक रिकॉर्ड की जांच से पता चला है कि मायावती के भाई और भाभी को लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित नोएडा अपार्टमेंट परिसर में 261 फ्लैटों को फर्जी तरीके से आवंटित किया गया था।

साल 2010 में जब बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती मुख्यमंत्री थीं, तब उनके भाई और भाभी को नोएडा में 261 सस्ते फ्लैट आवंटित किए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, रियल एस्टेट फर्म लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड ने नोएडा स्थित अपार्टमेंट को विकसित किया था। ये फ्लैट गलत तरीके से और बहुत कम कीमत पर आवंटित किया गया था।

साल 2010 में लॉजिक्स इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड एक कंपनी बनी जिस समय प्रदेश का बागडोर मायावती के हाथ में थी। कंपनी बनने के तीन महीने बाद जुलाई 2010 में मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्रा लता को नोएडा में उनकी परियोजना ब्लॉसम ग्रीन्स में दो लाख वर्ग फुट जगह बेचने का समझौता किया। इसे आनंद कुमार को 2,300 रुपये और विचित्र लता को 2,350 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से बेचा गया। इस हिसाब से मायावती के भाई और भाभी को यह संपत्ती क्रमंंशा: 46.02 करोड़ रुपये और 46.93 करोड़ रुपये में मिली।

यूपी सरकार के अधीन आने वाली नोएडा अथॉरिटी ने लॉजिक्स इंफ्राटेक को ब्लॉसम ग्रीन्स में 22 टावर विकसित करने के लिए 24.74 एकड़ जमीन लीज पर दी थी। सितंबर 2012 तक कंपनी ने इस परिसर में बने कुल 2,538 फ्लैटों में से 2,329 फ्लैट बेचे। कुल 8 टावर में बने 944 फ्लैट में से 848 में लोग रहने लगे हैं, लेकिन अभी भी 14 टावर खाली पड़े हैं। ये टावर बनकर तैयार हैं, लेकिन इन्हें अभी तक कब्जा पत्र नहीं मिला है। कंपनी ने 2016 को क्रमशः 28.24 करोड़ रुपये और 28.19 करोड़ रुपये के “अग्रिम” भुगतान करने के बाद आनंद कुमार और विचित्र लता को क्रमशः 135 और 126 कुल 261 फ्लैट आवंटित किए थे।

फ्लैट आवंटित होने के करीब चार साल बाद फरवरी 2020 में सिविल वर्क पूरा करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स ने लॉजिक्स को 7.72 करोड़ रुपए का बिल थमा दिया। जिसको लॉजिक्स ने कोरोना का हवाला देते हुए देने में असमर्थता व्यक्त की। लॉजिक्स कंपनी अपनी बकाया भुगतान चुकाने में असमर्थ रही जिसके देखते हुए लॉजिक्स इंफ्राटेक के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का आदेश दे दिया गया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसकी रिपोर्ट मई 2023 में आईआरपी को सौंपी गई इस फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए, इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के भाई आनंद कुमार और भाभी विचित्र लता दोनों को बेची गई इकाइयां “अंडरवैल्यूड” थीं और उनके लेनदेन भी कपटपूर्ण था।

इंडियन एक्सप्रेस कि रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑडिट में कथित तौर पर कई अनियमितताएं उजागर हुई हैं। आनंद कुमार और उनकी पत्नी ने दिवाला कार्यवाही के हिस्से के रूप में लॉजिक्स इंफ्राटेक से 96.64 करोड़ रुपये की राशि का दावा किया है। इतना ही नहीं, कंपनी द्वारा आनंद कुमार को 2300 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से आवंटित किए गए फ्लैटों को 2016-17 में खरीदारों को औसतन 4350.85 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से बेचा गया। ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी एक्ट 2016 की धारा 45 के तहत लेन-देन का उचित मूल्यांकन नहीं किया गया है।

ऑडिट रिपोर्ट में आनंद कुमार और कंपनी के बीच हुए लेन-देन पर भी सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आनंद कुमार को 28.24 करोड़ रुपये के भुगतान दिखाने वाले वाउचर निवेश के बजाय “ग्राहकों से अग्रिम” के तहत दिखाए गए थे। हालाँकि, बैंक रसीदें और बैंक विवरण केवल 27.60 करोड़ रुपये की रसीद दिखाते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि आनंद कुमार की पत्नी विचित्र लता के खिलाफ भी लगभग इसी तरह के अनियमितताओं के आरोप हैं। उन्हें कम कीमत पर फ्लैट भी आवंटित किए गए थे। इसके अलावा, उनकी 125 इकाइयों में से 24 अन्य को आवंटित की गईं और 28.85 करोड़ रुपये का भुगतान लॉजिक्स द्वारा संबंधित पार्टियों को बिना स्पष्टीकरण के स्थानांतरित कर दिया गया। रिपोर्ट में 28.85 करोड़ लेनदेन को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया गया है।