Raibareli-परमात्मा बिना मांगे ही भक्तों को सब कुछ प्रदान कर देता है : श्री आत्मानंद जी महाराज*

Raibareli-परमात्मा बिना मांगे ही भक्तों को सब कुछ प्रदान कर देता है : श्री आत्मानंद जी महाराज*

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रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री


श्रीमद्भागवत कथा के सप्तम दिवस की विश्राम वेला में सुदामा चरित्र का किया गया वर्णन*


रायबरेली-सरेनी क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सरांय बैरिहा खेड़ा स्थित बाबा मार्केट प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ में रविवार को सप्तम दिवस की विश्राम वेला में कथा व्यास स्वामी श्री आत्मानंद जी महाराज ने संगीतमय कथा वाचन कर सुदामा चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि परमात्मा में आशक्ति मनुष्य को सांसारिक मोह माया से मुक्त करने वाली है और जीव भवबंधन से पार पा जाता है!परमात्मा बिना मांगे ही भक्तों को सब कुछ प्रदान कर देता है!जिस प्रकार भगवान द्वारिकाधीश ने अपने परम भक्त और बालसखा सुदामा को बिना मांगे ही दो लोकों का ऐश्वर्य प्रदान कर दिया था!कथा प्रवाह को आगे बढ़ाते हुए स्वामी श्री आत्मानंद जी महाराज  ने कहा कि सुदामा भगवान द्वारिकाधीश के परम भक्त और बालसखा हैं!साधनहीन होते हुए भी वह भगवान में पूरी तरह आसक्त हैं और भगवान का गुणगान करते हुए भिक्षा में जो कुछ भी मिल जाता उसी में संतुष्ट रहते हुए वह अपनी गृहस्थी की गाड़ी खींच रहे हैं!कभी-कभी तो भिक्षा में जब कुछ भी नहीं मिलता तो पूरे परिवार को भूखा ही सोना पड़ता है!एक बार जिद करके उनकी पत्नी ने उन्हें द्वारिकाधीश के पास जाने के लिए विवश कर दिया तो वह अनमने मन से तैयार हो गए!मित्र के घर खाली हाथ न जाना पड़े सो उनकी पत्नी ने पड़ोसियों से मांग कर लाए गए तंदुल एक पोटली में बांध कर सुदामा को दे दिए!हरिनाम स्मरण करते हुए कई दिनों की थका देने वाली यात्रा पर निकले सुदामा को राह में भगवान द्वारिकाधीश वेश बदलकर मिलते हैं और उन्हें द्वारिकापुरी पहुंचाने में सहायता करते हैं!वहां पहुंचने पर द्वारिकाधीश ने उनका भव्य स्वागत किया!भावविह्वल द्वारिकाधीश अपने मित्र को सामने पाकर अपने अश्रु नहीं रोक सके और आंसुओं से ही उनका पद प्रक्षालन किया!द्वारिकाधीश ने सुदामा की कांख में दबी पोटली लेकर दो मुट्ठी तंदुल अपने मुख में डाल कर उन्हें दो लोकों का ऐश्वर्य प्रदान कर दिया!कथा व्यास आत्मानंद जी महाराज ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सच्ची दोस्ती में छल और कपट नहीं करना चाहिए,ऐसा करने से पाप होता है!श्रीकृष्ण से बचपन में मित्र सुदामा ने कपट किया था! जिसके चलते सुदामा की आर्थिक स्थिती बिगड़ गई!वर्षों बाद श्रीकृष्ण से मिलने पर सुदामा की स्थिति में सुधार हुआ!कथा सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए! जिसके साथ ही वातावरण भक्तिमय हो गया!लोगों ने श्रीकृष्ण के जयकारे लगाने शुरू कर दिए!कथा समाप्त होने के बाद प्रसाद का वितरण किया गया!इस मौके पर मुख्य यजमान कृष्ण बिहारी मिश्रा (बाबा जी),सज्जन मिश्रा,रमाशंकर मिश्रा,गिरि शंकर,सुख निधान,ज्ञान निधान,शिव निधान, सत्यार्थ,सिद्धार्थ,रिचा,वीरेंद्र कुमार तिवारी,अनुज शुक्ला,रविकांत अग्निहोत्री,गोवर्धन प्रसाद अग्निहोत्री,शिवतोष संघर्षी,हैप्पी मिश्रा,शिवशंकर सिंह,रामजी पांडेय,दिवाकर त्रिवेदी,अनोज मिश्रा सहित सैकड़ों भक्तगण मौजूद रहे!

*विशाल भंड़ारा आज*

बीते 26 सितंबर से प्रारंभ हुई संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का रविवार को सुदामा चरित्र के सुंदर वर्णन के साथ समापन हो गया!वहीं श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के समापन के पश्चात आज मंगलवार को विशाल भंडारे का आयोजन सुनिश्चित है!वहीं मुख्य यजमान कृष्ण बिहारी मिश्रा ने क्षेत्रीय भक्तजनों से आग्रह करते हुए आज आयोजित भंडारे में उपस्थित होकर प्रसाद ग्रहण करने की अपील की है!