रायबरेली-गाय हमारी संस्कृति और संस्कार का हिस्सा है: रमाकांत उपाध्याय

रायबरेली-गाय हमारी संस्कृति और संस्कार का हिस्सा है: रमाकांत उपाध्याय

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

गाय का ग्लोबल महत्व, गाय प्रकृति की रक्षा भी करती है: रमाकांत

रायबरेली-सदस्य गोसेवा आयोग उ0प्र0 रमाकांत उपाध्याय ने पीडब्लूड़ी गेस्ट हाउस में गाय और प्राकृतिक खेती विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा की। इससे पहले उन्होंने डीह ब्लॉक में कोन्हा डीह कान्हा गौशाला परशदेपुर और मामुनि गोशाला, सलोन आदि का औचक निरीक्षण कर गौशालाओं में सुविधाओं की जानकारी ली। उन्हें गौशालाओं में हरा-चारा, पानी, कूलर,विद्युत,चिकित्सा, साफ-सफाई आदि सुविधाएं ठीक मिली।
          उन्होंने कहा कि प्रदेश में गोशालाओ की संख्या बढ़ रही है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हर घर मे गाय पहुँचना चाहिए। गाय हमारी संस्कृति और संस्कार का हिस्सा है। साथ है गैस प्लांट लगाकर प्राकृतिक खेती भी की जाए। दूध,घी के अलावा किसान को खेती का भी लाभ मिलना चाहिए। गाये दूध केवल कुछ वर्षों तक ही देती है परंतु गोवंश का लाभ खेती के साथ साथ पर्यावरण को भी मिलता है। गोबर और गोमूत्र का लाभ किसानों को मिलना चाहिए। किसानों के घर पर बायोगैस की फैक्टरी लगेगी का प्रस्ताव चल रहा है इससे किसानों के गैस सिलेंडर का खर्चा बचेगा। खेत को यूरिया से मुक्ति मिलेगी। गाय के गोबर से पेंट बनाया जाएगा। गौ मूत्र और गोबर का महत्व लोगो को बताना है।
          कैंसर जैसी बीमारी को रोकने की क्षमता गोमूत्र से संभव है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट है कि कैंसर विश्व की आबादी के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। गोमूत्र कैंसर जैसी बीमारी को रोकने की क्षमता रखता है। गाय से पर्यावरण की भी रक्षा होती होती। गाय का ग्लोबल महत्व है। इसका महत्व जन-जन तक पहुंचाना चाहिए।
           बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ0 अनिल कुमार सहित पशु विभाग के कर्मचारी गण उपस्थित रहे।