Raibareli-स्टैण्डर्ड पैथालॉजी और डॉ.प्रदीप कुमार गुप्ता का क्या है कनेक्शन ?

Raibareli-स्टैण्डर्ड पैथालॉजी और डॉ.प्रदीप कुमार गुप्ता का  क्या है कनेक्शन ?
Raibareli-स्टैण्डर्ड पैथालॉजी और डॉ.प्रदीप कुमार गुप्ता का  क्या है कनेक्शन ?

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

सीएचसी डलमऊ में मरीजों को भारी चपत: कोई समझे ना पीर पराई किसी से अब क्या कहना

डिप्टी सीएम के एक्शन के बाद डॉक्टर प्रदीप गुप्ता की हिम्मत कि देनी होगी दाद सीएचसी की बाहर की लिख रहे दवा

डॉक्टर साहब के रहमों करम पर मलाई काट रहे पैथोलॉजी लैब कलेक्शन सेंटर में लाइफ टेक्नीशियन का नहीं पता

 रायबरेली- उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक कठोर एक्शन ले रहे हैं वह लगातार अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं साथ ही भ्रष्ट अफसरों, डॉक्टरों के खिलाफ बर्खास्तगी तक की कार्यवाही कर रहे हैं। लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ का अपना पुराना ही राग है। यहां पर तैनात डॉक्टर प्रदीप गुप्ता ना तो डिप्टी सीएम के आदेशों को मानते हैं। और ना ही उनके एक्शन से भय खाते हैं। या तो डॉक्टर साहब ऊंची पहुंच रखते हैं। या काली कमाई करके कमाना उनके लिए मजबूरी बन गया है। इतना ही नहीं डॉक्टर साहब के रहमों करम पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ के मुख्य द्वार से चंद कदमों की दूरी पर पैथोलॉजी लैब और मेडिकल स्टोर गरीबों


 के ऊपर बोज बनकर टूट पड़े हैं स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं के निदान के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे तो वहां पर डॉक्टर साहब द्वारा जांच के लिए पर्चा लिखा गया और जांच भी कराना स्टैंडर्ड पैथोलॉजी से पड़ेगा जबकि किसी भी पैथोलॉजी के पास एमबीबीएस का होना आवश्यक है लाइफ टेक्नीशियन होना चाहिए फायर एनओसी अनिवार्य प्रदूषण एनओसी अनिवार्य ईटी पी का होना अनिवार्य जबकि यह सुविधा इस पैथोलॉजी के पास ही नहीं बल्कि मिलन पैथोलॉजी, इन योग्यता से कोसों दूर पर हैं इसके बावजूद भी डॉक्टर साहब जांच के लिए इन पैथोलॉजी की चौखट पर मरीजों को ठेल रहे हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सभी जांच मशीनों से लैस है। उसके बावजूद भी गरीबों की जेब पर डॉक्टरों द्वारा डाका डाला जा रहा है। वही  पर्चे में भी बाहर से दवाओं की लंबी चौड़ी फेहरिस्त लिख दी गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर कलेक्शन सेंटर प्रकाश पैथोलॉजी, यच यस पैथोलॉजी ,रामा पैथोलॉजी का हाल भी ठीक उन पैथोलॉजी लैब जैसे है जो योग्यता से कोसों दूर है। कलेक्शन सेंटर में ब्लड निकालने के लिए लाइफ टेक्नीशियन का होना अति आवश्यक है लेकिन किसी भी कलेक्शन सेंटर में लाइफ टेक्नीशियन की मौजूदगी आपको नहीं दिखाई देगी। साथ ही समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डलमऊ में प्रशिक्षण ले रहे कौशल विकास योजना के अंतर्गत अभ्यार्थियों का उपयोग भी डॉक्टर साहब द्वारा किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो कौशल विकास के अभ्यर्थियों को 3 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है जबकि डॉक्टर साहब द्वारा इन अभ्यार्थियों 3 महीने का प्रशिक्षण पूरा होने के बावजूद भी काम पर रखा गया है। और डॉक्टर द्वारा इनको भी अपने काली कमाई के गोरखधंधे में सन लिप्त रखा गया है। दूसरी तरफ मरीजों को इंजेक्शन फार्मासिस्ट से ना लगवा कर उन्हीं कौशल विकास योजना के अभ्यर्थियों से लगवाया जा रहा है जबकि इन्हें इसके बारे में अभी तनिक भी अनुभव नहीं है इन्हीं अभ्यार्थियों को जांच का पर्चा सभालकर अपने करीबी संचालित पैथोलॉजी में भेज कर मनमानी तरीके से धन उगाही का काम डॉ प्रदीप कुमार गुप्ता द्वारा किया जा रहा है। 

मरीजों और तीमारदारों की हाल ए दास्तां

वही हमसे बात करते हुए उपस्थित एक तीमारदार ने दो लाइन मैं अपना दर्द व्यतीत करते हुए कहा कि कोई समझे ना पीर पराई किसी से अब क्या कहना। गरीबों की मेहनत की कमाई में  सेंध लगा रहे हैं। भ्रष्ट डॉक्टर को किसी की पीड़ा से क्या मतलब उनको तो बस काला धन उनको मिलना चाहिए अब चाहे गरीब की जेब में बाहर से दवा लेने के लिए पैसा हो  या ना उनको तो अपने कमीशन के चक्कर में दवाओं की लंबी चौड़ी फेहरिस्त बनानी है।

इस मामले को लेकर सीएचसी अधीक्षक नवीन कुमार ने बताया अगर ऐसा है तो जांच करवाकर एफआईआर करवाई जाएगी