यूपी-पत्रकार धर्मेन्द्र पाण्डेय पर हुए जानलेवा हमले में पुलिस ने नहीं लगायी 307 धारा, पत्रकारों में आक्रोश

यूपी-पत्रकार धर्मेन्द्र पाण्डेय पर हुए जानलेवा हमले में पुलिस ने नहीं लगायी 307 धारा, पत्रकारों में आक्रोश

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रिपोर्ट-रोहित मिश्रा
मो-7618996633

पत्रकारों का प्रतिनिधि मण्डल एसपी से जल्द मिलेगा

रायबरेली-लालगंज तहसील परिसर में पत्रकार धर्मेन्द्र पाण्डेय पर हुए जानलेवा हमले में पुलिस धाराएं लगाने में खेल कर गयी। सिर्फ मामूली धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। जबकि तहरीर में स्पष्ट रूप से गला दबा कर जान से मारने का प्रयास करने का उल्लेख है। बावजूद इसके जानलेवा हमले की धारा 307 लगायी ही नहीं। इससे पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश है। इसको लेकर जल्द ही पत्रकारों का एक प्रतिनिधिमण्डल एसपी से मुलाकात कर अपनी बात रखेगा।
 बताते चले कि निकट बस स्टेशन आलमपुर निवासी पत्रकार धर्मेन्द्र पाण्डेय के भाईयों ने ग्राम मलपुरा में जरिए बैनामा प्लाट क्रय किये हैं।  जिसका दाखिल खारिज बाद श्रीमान न्यायालय तहसीलदार लालगंज के यहां वाद विचाराधीन है। जिसकी पैरवी पत्रकार धर्मेन्द्र पाण्डेय ही करते हैं। गत 01 सितम्बर 2022 को श्रीमान तहसीलदार महोदय ने फोन करके कहा था कि प्रतिवादी राजेंद्र तिवारी उर्फ रज्जन तिवारी अपनी बात कहना चाहते हैं आ जाइए। श्रीमान तहसीलदार महोदय की सूचना पर बाइक से तहसील लालगंज (रायबरेली) पहुंचा और बाइक खड़ा करके श्रीमान तहसीलदार महोदय से मिला तो उन्होंने कुछ देर इंतजार करने को कहा। समय करीब 12ः30 बजे रहा होगा। प्रार्थी तहसील लालगंज के चैनल गेट गेट के पास इंतजार करने लगा, तभी विपक्षीगण गाली गलौज करते हुए एक राय होकर प्रार्थी पर जानलेवा हमला बोल दिया था। विपक्षी सुंदरलाल बाजपेई और इंदु प्रकाश सिंह ने प्रार्थी का गला दबाकर जान से मारने का प्रयास किया था। इसी बीच विपक्षी राजेंद्र चौधरी ने प्रार्थी की बाई आंख पर जोरदार थप्पड़ मारा जिससे प्रार्थी को धुंधला दिखाई देने लगा था। इसी बीच विपक्षी अजय कुमार ऊर्फ पप्पू और गया प्रसाद यादव लात घूसों से लगातार मारते रहे। इस दौरान तहसील लालगंज (रायबरेली) परिसर में अफरा-तफरी मच गई थी और भयवश वादकारी गण दुबक गए थे। प्रार्थी किसी तरह भागकर श्रीमान उप जिलाधिकारी महोदय के चैम्बर में घुसकर जान बचाई थी। विपक्षीगण ललकारते रहे कि आज तो किसी तरह बच गए और भविष्य में तहसील लालगंज में दिखाई दिए तो जान से मार देंगे। जानलेवा हमले के दौरान प्रार्थी के कपड़े भी फाड़ डाले थे। जानलेवा हमले में कई अन्य लोग भी शामिल रहे थे। श्रीमान एसडीएम महोदय की सूचना पर थाना कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची थी। इसके बाद पत्रकार धर्मेन्द्र पाण्डेय ने कोतवाली पहुंचकर मामले की तहरीर दी थी। पत्रकार पर जानलेवा हमले में पुलिस ने धाराएं लगाने में खेल कर गयी। सिर्फ मामूली धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की है। जबकि तहरीर में स्पष्ट रूप से गला दबा कर जान से मारने का प्रयास करने का रूप्ष्ट उल्लेख है। बावजूद इसके जानलेवा हमले की धारा 307 लगायी ही नहीं। इससे पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश है। इसको लेकर जल्द ही पत्रकारों का प्रतिनिधिमण्डल एसपी से मुलाकात कर अपनी बात रखेगा।