रायबरेली-इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण में मानकों का उलंघन करने वाले ग्राम प्रधान वा अधिकारों पर आखिर कार्यवाही क्यों नहीं ?

रायबरेली-इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण में मानकों का उलंघन करने वाले  ग्राम प्रधान वा अधिकारों पर आखिर कार्यवाही क्यों नहीं ?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 

ऊँचाहार-रायबरेली-ऊँचाहार के सवैया धनी ग्राम पंचायत में इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण में बड़ा घोटाला किया गया है। सड़क निर्माण में मानकों का घोर उलंघन कर के खुले आम योगी सरकार के आदेशों का माखौल उड़ाया जा रहा है। वहीं जेई समेत विकास विभाग के आला अधिकारी मामले को दबाने की पुरजोर कवायद कर रहे हैं। 
         ऊँचाहार विकास क्षेत्र स्थित सवैया धनी ग्राम पंचायत में शासन द्वारा लाखों की लागत की इंटरलॉकिंग सड़क स्वीकृत होने के बाद कार्य शुरु कराया गया जिसमें खुले तौर पर मानकों का उलंघन किया गया है। इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण में पहले गुणवत्ता युक्त भट्ठे की ईंटों से कच्ची सड़क पर अच्छे से कुटाई की जाती है उसके बाद गंगा की बालू डालकर उसपर सीमेंटेड ईंट बिछाना चाहिए लेकिन सवैया धनी ग्राम पंचायत में घटिया और पीले ईंटों से सड़क के कुछ ही हिस्से पर खाना पूर्ति कर कुटाई की गई है । यही नहीं 
 गुणवत्ता युक्त सीमेंटेड ईंटों की जगह घटिया ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। गंगा से निकाली गई बालू की जगह नहर की सिल्ट और निस्तारित राख का इस्तेमाल किया गया है। यह इस ग्राम सभा का मात्र कोई एक मामला नहीं है बल्कि जहां भी इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण किया गया है वहां मानकों को धता बताकर इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण में धांधली किया गया है। इस बावत बीडीओ जगतपुर कार्यवाहक ऊंचाहार से बात की गई तो उन्होने जेई को जांच कराने का आदेश दे दिया था। लेकिन जिस जेई को जांच का आदेश दिया गया वह जेई खुद पहुंचा हुआ फकीर निकला जेई ने बीडीओ को गुमराह करने वाली रिपोर्ट दे दी की इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण मानक के अनुरूप है। जबकि इसकी पारदर्शिता से जांच की जाए तो इसमें जेई समेत कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। जानकर तो दबी जुबान यह भी कहते हैं कि घोटाले करवाने के एवज में कड़ी दर कड़ी सभी अधिकारियों तक प्रसाद पहुंचता है। सभी हिस्सा उन्हे पंहुचा दिया जाता है। सवाल डीएम साहब है और सवाल सीडीओ साहब से है कि क्या कार्यवाही सिर्फ गंगौली और अरखा ग्राम सभा पर ही होगी? तो फिर अपनी चहीती ग्राम पंचायत पर कार्यवाही कब होगी?