Raibareli-कमीशन का चक्कर,मरीजों को महंगी दवाइयां लिख रहे डाक्टर*

Raibareli-कमीशन का चक्कर,मरीजों को महंगी दवाइयां लिख रहे डाक्टर*

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रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री

*इलाज के नाम पर मरीजों को मिलती है अस्पताल के बाहर से दवा लाने की पर्ची*

*सीएचसी सरेनी में डॉक्टरों से ज्यादा किस्मत के भरोसे हैं स्वास्थ्य सेवाएं*

*सरेनी सीएचसी में खोखला साबित हो रहा मुफ्त इलाज का दावा*

सरेनी-रायबरेली-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरेनी में मुफ्त इलाज का दावा खोखला साबित हो रहा है!चिकित्सक एक रुपये की सरकारी पर्ची के अलावा छोटी पर्ची पर अलग से दवा लिख रहे हैं!यह स्थिति तब है,जब भाजपा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री इस पर अंकुश लगाने का पुरजोर प्रयास कर रहे हैं और लगातार संबंधित विभाग को निर्देशित कर रहे हैं बावजूद मनमानी जारी है! रोगियों को बाहर से महंगे दामों पर दवाएं खरीदने को विवश होना पड़ रहा है!रोगी व तीमारदार परेशान हैं,लेकिन कमीशन के चक्कर में चिकित्सक उन्हें बाहरी दवाएं लिख रहे हैं!सूत्रों की मानें तो जब मरीज व तीमारदार बाहर से दवाएं न ले पाने में असमर्थता जताते हैं तो चिकित्सकों का कहना होता है कि अस्पताल की दवाएं बेकार होती हैं,आपको फायदा नहीं करेंगी!उत्तर प्रदेश के वीवीआईपी जिला तथा सोनिया गांधी जी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के 182 विधानसभा क्षेत्र सरेनी में स्वास्थ्य सेवाएं डॉक्टरों से ज्यादा किस्मत के भरोसे हैं!यहाँ अस्पताल में उपस्थित हो मरीजों का ईलाज करने के बजाय डाॅक्टर साहब मीटिंग अटेंड करने में व्यस्त मिलते हैं!इलाज के नाम पर  मरीजों को सरकारी अस्पताल से कुछ मिलता है तो वह होती हैं अस्पताल से बाहर के मेडिकल स्टोर से दवा लाने की पर्ची,जिनका मूल्य इतना ज्यादा होता है कि आम लोग,गरीब मजदूर,किसान के लिए बाहर से लिखी गई दवाइयों का खर्च वहन करना पहाड़ में कील ठोकने जितना कठिन होता है!नतीजन लोग सरकारी अस्पताल न जाकर झोला छाप डॉक्टरों को ही जिंदगी और मौत की लगाम सौंप कर भगवान भरोसे ईलाज करवाने को मजबूर हैं!