रायबरेली-आखिरकार रोजगार मिलने के आश्वासन पर दिल्ली से लौटे श्रमिक,,,,,,?

रायबरेली-आखिरकार रोजगार मिलने के आश्वासन पर दिल्ली से लौटे श्रमिक,,,,,,?

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 

ऊंचाहार-रायबरेली-एनटीपीसी परियोजना के राख उपयोगिता विभाग से निष्कासित डेढ़ दर्जन से अधिक श्रमिकों को स्थानीय अधिकारियों से न्याय न मिलने के बाद मायूस श्रमिक बीते मंगलवार को दिल्ली स्थित जंतर में धरने पर बैठ गए हैं। प्रधान मंत्री से लिखित शिकायत के बाद श्रमिकों में उम्मीद की ज्योत जली है।
   ज्ञात हो कि  करीब दो माह पूर्व एनटीपीसी परियोजना की राख उपयोगिता विभाग के हिटलर शाहों ने  19 श्रमिकों को बिना कारण बताए निष्कासित कर दिया था। उसके अगले दिन से ही श्रमिकों ने एसडीएम, डीएम फिर मुख्यमंत्री समेत श्रम विभाग को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई थी।  श्रमिकों का कहना है कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने के बावजूद भी एनटीपीसी के अधिकारी नहीं माने। एनटीपीसी जिद पर अड़ी है। हमारी रोजी रोटी और पेट पर लात  मार कर हमसब की नौकरी डकार जाना चाहती है। एनटीपीसी की हिटलरशाही देख सोमवार को पीड़ित श्रमिक राजधानी दिल्ली कूच कर गए और वहां स्थित जन्तमतर में धरने के लिए रुख अख्तियार कर लिया। आखिरकार वहां सभी श्रमिक दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ  गये है।श्रमिक विनय कुमार शुक्ल, राजेश सिंह, केशवदास, तुलसीराम, राम सजीवन, दुर्गेश बाजपेई, अमित दुबे आदि का कहना है कि 13 साल तक लगातार नौकरी करने के बाद अचानक तानाशाह एनटीपीसी द्वारा निष्कासित होने से उनके परिवार के सामने आर्थिक संकट आन पड़ा है। उनका कहना है कि वहां भी समस्या का समाधान न हुआ तो एनटीपीसी के मुख्य द्वार पर आत्मदाह के लिए विवश होंगे। श्रमिकों ने प्रधानमंत्री से लिखित शिकायत की है। जहां से उन्हें वापस रोजगार मिलने का आश्वासन मिला है।