रायबरेली-NTPC आवासीय परिसर स्थित अस्पताल कर्मचारियों ने करीब चार महीने वेतन न मिलने पर जमकर काट हंगामा,,,,

रायबरेली-NTPC आवासीय परिसर स्थित अस्पताल कर्मचारियों ने करीब चार महीने वेतन न मिलने पर जमकर काट हंगामा,,,,

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रिपोर्ट-सागर तिवारी 


ऊँचाहार-रायबरेली- एनटीपीसी आवासीय परिसर स्थित अस्पताल कर्मचारियों ने करीब चार महीने वेतन न मिलने पर हंगामा काट दिया। कर्मचारियों ने मुंशी पर वेतन से जबरन पैसे मांगने का आरोप लगाया है। कर्मचारियों के हंगामा काटने की ख़बर से एनटीपीसी प्रबन्धन के हाथ पांव फूल गए। ठेकेदार ने सबंधित अधिकारियों से बात कर के एक सप्ताह के भीतर भुगतान करने अश्वासन देकर कर्मचारियों को वापस काम पर लौटने की अपील की है।
           ऊँचाहार एनटीपीसी आवासीय परिसर स्थित जीवन ज्योति असपताल में करीब 24 वार्ड ब्वाय और 18 स्वीपर संविदा पर नियुक्त हैं।  जिनको करीब चार माह से वेतन नहीं मिला है। जिससे उनकी रोजमर्रा की जरूरतें नहीं पूरी हो रही हैं । यही कारण है कि उनका दैनिक जीवन प्रभावित है। शुक्रवार को रमाकांत, रंजीत कुमार, गुड़िया, ऊषा देवी, शाहिद, सुनीता सहित सभी स्वीपर और वार्ड ब्वाय ने कार्य बहिष्कार कर अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। उनका कहना है कि हम सब यहां वर्षों से तैनात हैं। एनटीपीसी अस्पताल प्रबन्धन ठेकेदारी प्रथा से कार्य करवाती है। जिससे ठेकेदार मनमानी करता है। जिससे हमारा शोषण होता है। प्रति माह वेतन आते ही मुंशी वेतन से पैसे मांगने लग जाता है। प्रतिवाद करने पर नौकरी से निकाल देने की धमकी देता है। अभी करीब चार महीने बीतने को है लेकीन हम सब को वेतन का भुगतान नहीं किया है। जिससे बच्चों का एडमिशन, उनकी फीस, राशन, माकान का किराया, बिजली का बिल, समेत सभी दैनिक खर्च प्रभावित हैं। कई अधिकारियों से बात की गई और लिखित रुप से सूचना दी गई लेकिन कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। जिससे क्षुब्ध होकर आज हम लोगों अपना कार्य बहिष्कार कर के वेतन भुगतान कराने को लेकर धरना प्रदर्शन किया है। कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन की जानकारी जैसे ही ठेकेदार और फिर एनटीपीसी प्रबन्धन को हुई तो उनके हाथ पांव फूल गए। ठेकदार ने कर्मचारियों से बात की लेकिन परिणाम बेतनीजा निकला। सीएमओ से भी बात करके मामले को पटपक्षेप कराने का प्रयास किया गया लेकिन बात वहां भी नही बनी, इसी तरह नेत्र चिकित्सक वेद प्रकाश ने भी कर्मचारियों से बात की लेकिन कर्मचारी वेतन भुगतान की जिद पर अड़े रहे तो उनसे मामले का निराकरण नही हुआ।
 बात न बनते देख ठेकेदार मक्खन लाल ने उच्चाधिकारियों से बात की तो उन्होंने एक सप्ताह के भीतर भुगतान कराने का अश्वासन दिया है। जिससे कर्मचारी वापस काम पर लौट गए। ठेकेदारी प्रथा से कर्मचारियों के रोजगार भुगतान का ये कोई नया मामला नहीं है। इससे पूर्व भी कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। अभी हाल ही में एनटीपीसी राख उपयोगिता विभाग से करीब डेढ़ दर्जन श्रमिकों का मामला प्रकाश में आया है जो अभी तक ठंडा भी नहीं हुआ था कि एनटीपीसी अस्पताल का ताजा मामला प्रकाश में आ गया है। इन सब में एक बात की समानता है जो कि वेतन कटौती की। जो ठेकेदारों की मनमानी का पुख्ता प्रमाण है। 
वहां मौजूद अधिकारियों ने मीडिया कोई भी बात करने से मना कर दिया। एनटीपीसी की जन सम्पर्क आधिकारी कोमल शर्मा से फोन पर बात कर के जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं रिसीव किया।