कन्या भ्रूण हत्या रोकने के मिल रहे सकारात्मक परिणाम

कन्या भ्रूण हत्या रोकने के मिल रहे सकारात्मक परिणाम

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824


उन्नाव-स्वास्थ्य विभाग द्वारा कन्या भ्रूण हत्या पर विराम लगाने को लेकर किए जा रहे प्रयास रंग ला रहे हैं | इसकी झलक राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण(एनएफएचएस-5) वर्ष 2019-21 के आंकड़ों से स्पष्ट देखी जा सकती  है | एनएफएचएस-5 के अनुसार उन्नाव में 1000 बालकों पर 960  बालिकाओं ने जन्म लिया है जबकि एनएफएचएस-4 (2015-16)के अनुसार यह आंकड़ा 915 था | प्रदेश के आंकड़ों पर नजर डालें तो एनएफएचएस -5 के अनुसार 1000 बालकों पर 941 बालिकाओं ने जन्म लिया है जबकि एनएफएचएस-4 के अनुसार यह आंकड़ा 903 था |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सत्यप्रकाश ने कहा कि बाल लिंगानुपात में वृद्धि सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का ही परिणाम है |  इसके साथ ही समुदाय को भी सजग होना चाहिए | लड़के  की आस में लड़कियों की बलि न चढ़ाएं |  बालिका जन्म पर खुशियां मनाएं | लड़के-लड़कियों में भेदभाव ने करें, लड़कियां पराया धन हैं इस मानसिकता को छोड़ें | लिंग चयन  की घटना की सूचना विभाग को तत्काल दें |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि लड़के की चाह में परिवार वाले भ्रूण हत्या जैसा कदम उठा लेते हैं | इसी क्रम में सरकार ने भ्रूण हत्या रोकने के लिये लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम,1994 लागू किया है। इस अधिनियम के तहत गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच करना या करवाना कानूनन दंडनीय अपराध है। इसकेसाथ ही www.pyaribitia.com पर अल्ट्रासाउंड केंद्र द्वारा फॉर्म-एफ भरकर अपलोड किया जाता है। इसमें अल्ट्रासाउंड करने और करवाने वाले का सारा विवरण होता है और एक पंजीकरण नंबर भी होता है । इस माध्यम से अल्ट्रासाउंड करवाने के उद्देश्य का भी पता चलता है ।
सरकार की ओर से चल रही "मुखबिर योजना' से जुड़कर लिंग चयन/भ्रूण हत्या/अवैध गर्भपात जैसी गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों/ संस्थानों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही में सरकार की सहायता की जा सकती है और इसके एवज में सरकार से सहायता प्राप्त की जा सकती है ।
गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम के नोडल अधिकारी डा.ललित बताते हैं कि लिंग निर्धारण के लिए प्रेरित करने तथा अधिनियम के प्रावधानों / नियमों के उल्लंघन के लिए कारावास एवं सजा का प्रावधान है । ऐसा गैर कानूनी कार्य करवाने वाले व्यक्ति को पांच वर्ष का कारावास एवं एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है तथा ऐसा गैर कानूनी कार्य करने वाले को पांच वर्ष का कारावास एवं 50 हजार  तक का जुर्माना हो सकता है।