रायबरेली-ठाकुरबीर बाबा की समाधि पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ कलश चढ़ाये व की पूजा अर्चना*

रायबरेली-ठाकुरबीर बाबा की समाधि पर हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ कलश चढ़ाये व की पूजा अर्चना*

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रिपोर्ट-सुधीर अग्निहोत्री

*अगहन माह के प्रत्येक मंगलवार को श्रद्धालुओं का उमड़ता है जन सैलाब,लगता है मेला*

*मान्यता है कि यहाँ आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की पूरी होती है मुराद*

*प्रसाद के तौर पर मिट्टी के कलश चढ़ाने की है रोचक प्रथा*

सरेनी-रायबरेली-सरेनी स्थित ठाकुरबीर बाबा की समाधि पर मंगलवार को हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ कलश चढ़ाये व पूजा अर्चना की!उल्लेखनीय है कि सरेनी ग्राम पंचायत के पूरब में तालाब के किनारे ठाकुरबीर बाबा की समाधि स्थल है!यहाँ कोई मन्दिर नहीं है,फिर भी अगहन माह के प्रत्येक मंगलवार को श्रद्धालुओं के उमड़ते जन सैलाब को देखकर एहसास होता है कि लोगों की आस्था सीमायें लाँघ चुकी हैं!हालाँकि साल भर यहाँ दर्शन व पूजन के लिए श्रद्धालु आते रहते हैं,किन्तु अगहन के प्रत्येक मंगलवार का विशेष महत्व है!अगहन माह के प्रत्येक मंगलवार को यहाँ मेला भी लगता है!मान्यता है कि यहाँ आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की मुराद पूरी होती है!यहाँ प्रसाद के तौर पर मिट्टी के कलश चढ़ाने की रोचक प्रथा है!मनौती माँगते वक्त श्रद्धालु छोटा कलश चढ़ाते हैं तथा मनौती पूरी होने पर मिट्टी के बड़े कलश चढ़ाये जाते हैं!महिलाएं घरों से मीठे पकवान बनाकर लाती हैं व समाधि स्थल पर चढ़ाकर फिर माली से मिलने वाले प्रसाद को यहीं बैठकर खाती हैं!इस पवित्र स्थान पर सरेनी क्षेत्र के आसपास गांवों के हजारों श्रद्धालु आते हैं!निःसन्तान दंपति व अविवाहित युवक युवतियां परिणय सूत्र में बंधने की कामना लेकर आते हैं तथा कामना पूरी हो जाने पर यहाँ आकर आस्था के कलश चढ़ाना नहीं भूलते हैं!सरेनी की निर्मला सिंह बताती हैं कि वह साल के बारहों महीने ठाकुरबीर बाबा की समाधि पर पूजा अर्चना करने आती रहती हैं!इनका मानना है कि ठाकुरबीर बाबा के आशीर्वाद से उनके पति सरकारी टीचर रहे व  प्रधानाध्यापक पद से रिटायर हुए!उनके दोनों बेटों की सरकारी नौकरी लग गयी है!गावँ की ही कृष्णा त्रिपाठी बताती हैं कि ठाकुरबीर बाबा के आशीर्वाद से उनके घर में सुख समृद्धि है!वह हर शुभ काम शुरू करने से पहले ठाकुरबीर बाबा का सुमिरन करती हैं!95 वर्षीया धनपति कूँवर सरेनी गोलीकांड अमर शहीद सुक्खू सिंह की बहन हैं!इनका मानना है कि जब से उन्होंने सुधि संभाली है तब से यहाँ अगहन माह में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती देखती आ रही हैं!अब तो सड़क बन चुकी है!पहले लोग मेड़ों की पगडंडियों से यहाँ पहुँचते थे!62 वर्षीया कमला सिंह कहती हैं कि उनकी ठाकुरबीर बाबा के प्रति अटूट आस्था व श्रद्घा है!उनके पति भी आल्हा गायन का शुरुआत करते समय ठाकुरबीर बाबा का सुमिरन करना नहीं भूलते!