Raibareli-पुष्प वाटिका प्रसंग राम और सीता का मिलन

Raibareli-पुष्प वाटिका प्रसंग राम और सीता का मिलन
Raibareli-पुष्प वाटिका प्रसंग राम और सीता का मिलन

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रिपोर्ट-ओम द्विवेदी(बाबा)
मो-8573856824

जगतपुर -रायबरेली - झारखंडेश्वर शिव मंदिर के प्रांगण में चल रही रामकथा में कथावाचक सुरेंद्र भाई ने कथा के बारे में बताया कहा कि विश्वामित्र अपने शिष्य श्री राम और लक्ष्मण के साथ जब मिथिला पहुंचते हैं तो जनक वाटिका में रुकते हैं। वहां पर सुबह-सुबह श्री राम और लक्ष्मण के गुरु पूजन के लिए पुष्प लेने के लिए पुष्प वाटिका में जाते हैं। वहां सीता जी भी अपनी  सखियों के साथ मां सुनयना के आदेश से पार्वती मंदिर पूजा के लिए आती हैं। वहां सीता श्रृंगार सहित आती हैं। उनकी ध्वनि श्रीराम के कानों में गूंजती है। इस पर श्री राम को पहले से ही आभास हो जाता है। और वो लक्ष्मण से कहते हैं। कि कामदेव नगाड़े बजाते

 हुए। आ रहे हैं। मुझे बचाओ इतना कहते हुए श्री राम और सीता के नेत्र मिलते हैं। दोनों एक दूसरे को अपलक देखते हैं। और लक्ष्मण उन्हें दूर ले जाते हैं। वही सीता माता पार्वती के मंदिर में आकर अपनी प्रार्थना देवी को अर्पित करती हैं। और श्री राम को पति के रूप में प्राप्त करने की विनती करती हैं। सरल स्वभाव के श्रीराम पुष्प लेकर गुरु के पास जाते हैं। और उन्होंने अपने गुरु को सारी बात बता दी‌। इस पर विश्वामित्र कहते हैं कि तुमने मुझे पुष्प दिए, अब तुम्हें फल प्राप्त होगा। इस मौके पर दादा शिवआधार त्रिवेदी, डॉ राघवेंद्र शुक्ला, सुनील सिंह, पत्रकार समाज कल्याण समिति जिला महासचिव रायबरेली दीपक कुमार, राकेश त्रिपाठी, राजन द्विवेदी, रामराज तिवारी, बाबू शंकर तिवारी, विनय त्रिपाठी, धीरज त्रिपाठी, मुन्ना सिंह आदि मौजूद रहे।