रायबरेली-चौपाई के जरिए समाज में वैमनस्यता फैलाने का प्रयास, बीडीओ ने रातों रात कराई पुताई,,,,

रायबरेली-चौपाई के जरिए समाज में वैमनस्यता फैलाने का प्रयास, बीडीओ ने रातों रात कराई पुताई,,,,

-:विज्ञापन:-

रिपोर्ट-सागर तिवारी


ऊंचाहार-रायबरेली-राजधानी में रामचरितमानस के पन्ने जलाने का विवाद अभी शांत नहीं हुआ। इसके बावजूद ऊंचाहार विधानसभा के गौरा ब्लॉक स्थित बेहीखोर गांव में रामचरितमानस की चौपाई को तोड़ मरोड़ कर शौचालय पर लिखने का एक मामला प्रकाश में आया है। जिसको लेकर सनातन धर्मावलंबी व ब्राह्मणों में आक्रोश व्याप्त है। फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद मामले को दबाने के लिए बीडीओ ने सफाई कर्मचारी भेज रातों-रात शौचालय पर लिखी चौपाई की पुताई करा डाली।
     बेहीखोर गांव में वीरेंद्र यादव ने अपने दरवाजे शौचालय का निर्माण कराया है। जिसकी दीवार पर रामचरितमानस की चौपाई को तोड़ मरोड़ कर कुछ इस प्रकार से लिखा गया है। 
ढोल, ब्राह्मण, पंडा, पुजारी।
सकल ताड़ना के अधिकारी।।
और उसके नीचे डॉ पुरिखा शूद्र तथा दूसरी दीवार पर ब्राह्मण को दान, मंदिर को अनुदान।। मनुवादी को मतदान बंद करो बंद करो।। निवेदक वीरेंद्र यादव शूद्र बेही खोर लिखा गया है। यह चौपाई सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही है। जिसको लेकर विधानसभा ऊंचाहार के सनातन धर्मावलंबी तथा ब्राह्मणों में खासा आक्रोश व्याप्त है। तथा लोगों द्वारा इस पर सरकार से कार्यवाही की मांग की गई है। गांव के राम किशोर, राधेश्याम, ब्रज भूषण, महेंद्र कुमार आदि ब्राह्मणों का कहना है कि समाज में आपसी भाईचारा बिगाड़ने का कार्य उक्त दोनों व्यक्तियों द्वारा किया जा रहा है। जो समाज के लिए घातक सिद्ध होगा। रामचरितमानस के चौपाई को बदलने का किसी को कोई अधिकार नहीं है। यह है सनातन धर्मावलंबियों का ग्रंथ है जिसका अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उक्त फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के बाद शुक्रवार की देर शाम से ही ब्राह्मण महासभा के पदाधिकारियों का फोन जगतपुर कोतवाल समेत ब्लॉक के अधिकारियों के पास आने शुरू हो गए। हरकत में बीडीओ ने मामले को दबाने के लिए आनन-फानन में चौपाई लिखी वाली दीवार की रंगाई पुताई करा डाली। जगतपुर कोतवाल जगदीश यादव ने बताया कि मामला जानकारी में है। मौके पर पुलिस कर्मियों को भेजा गया है। मकान स्वामी द्वारा स्वेक्षा से लिखने की बात कही गई है। ऐसे में किसी ने अपने घर पर कुछ लिखा है तो हम क्या करें।