रायबरेली की नगरपालिका सीट पर कांग्रेस ने लहराया जीत का परचम*

रायबरेली की नगरपालिका सीट पर कांग्रेस ने लहराया जीत का परचम*

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*पालिका चुनाव में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिखाया अपना दम,कांग्रेस सांसद की लोकप्रियता कहीं से नहीं हुई है कम*

*दूसरे दलों से भाजपा में आए आयातित नेताओं की कार्यशैली से भाजपा ने उठाया नुकसान* 

रायबरेली!रायबरेली की बहुप्रतिक्षित,नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव के परिणाम ने सत्ताधारी पार्टी के रायबरेली लोकसभा चुनाव के जीतने की मंशा पर लगभग पानी फेर दिया है!तीन बड़े नेताओं व खुद मुख्यमंत्री की चुनावी रैली व योगी मोदी के नाम पर मांगे गए वोटों  के बावजूद कांग्रेस ने अपने संगठन व कार्यकर्ताओं की मेहनत की बदौलत भाजपा प्रत्याशी को हार का स्वाद चखा दिया!गौरतलब है कि चुनाव के लगभग छह महीने पहले से ही भारतीय जनता पार्टी ने रायबरेली नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव को जीतने के लिए अपने तमाम मंत्री व संगठन के बड़े नेताओं को रायबरेली में झोंक दिया था!रायबरेली लोकसभा प्रभारी व यूपीपीसीएल के अध्यक्ष व दर्जा प्राप्त मंत्री वीरेंद्र तिवारी रायबरेली जनपद की प्रभारी मंत्री प्रतिभा शुक्ला व अन्य जिला संगठन के पदाधिकारी आगामी लोकसभा चुनाव को जीतने की मंशा के साथ कांग्रेसी नगर पालिका अध्यक्ष के पद को हथियाने के लिए दिन रात लगे हुए थे!जिले के ही निवासी व प्रदेश के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह व सदर विधायक अदिती सिंह आपसी कटुता को भुलाकर आपस में कदमताल करते हुए भाजपा प्रत्याशी शालिनी कनौजिया की जीत को सुनिश्चित करने के लिए खूब सारी मेहनत कर रहे थे,लेकिन जैसे ही चुनावी गणना शुरू हुई कांग्रेस प्रत्याशी सत्रोहन सोनकर ने शुरुआत से ही अपने प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी पर लगातार बढ़त बनाए हुए थे!पूर्व मंत्री व ऊंचाहार विधायक मनोज पांडेय की चुनाव से चंद दिनों पहले अपनी हत्या का अंदेशा होने की जनता से की गई भावनात्मक अपील का भी रायबरेली शहर वासियों पर कोई प्रभाव नहीं दिखाई पड़ा!पालिका अध्यक्ष इलियास उर्फ़ मनी ने अपने समाज को पूरी तरह से संगठित कर कांग्रेस के पक्ष में एकमुश्त मतदान करा लिया,जिससे जीत का रास्ता साफ हो गया!सबसे ज्यादा असमंजस की स्थिति शहर के प्रबुद्ध कहे जाने वाले ब्राह्मण मतदाताओं की रही!पार्टी उन्हें अपने पाले में करने के लिए हर संभव कोशिश करने में जुटी थी! उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व पूर्व मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की जनसभाएं इन्हीं मतदाताओं को ध्यान में रखकर जिले में कराई गई थी!पूर्व मंत्री व विधायक मनोज पांडेय भी सजातीय होने के कारण वोटरों पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार जता रहे थे लेकिन आये ताजे चुनावी परिणाम ने साबित कर दिया कि प्रबुद्ध वर्ग जिला अध्यक्ष कांग्रेस पंकज तिवारी व सांसद प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा के साथ रहकर जिले में कांग्रेस के हाथ को मजबूत कर रहा है!

*ब्राह्मण वोटरों की नाराजगी ने बदल दिया पालिका चुनाव का समीकरण*

कभी जिले में ब्राह्मण जिला अध्यक्ष व ब्राह्मण नेताओं का दबदबा रहता था!अब ब्राह्मण कहीं दूर तक दिखाई भी नहीं पड़ता है!रायबरेली नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में एक बार फिर से भाजपा को मुंह की खानी पड़ी! कांग्रेस प्रत्याशी सत्रोहन सोनकर ने भाजपा प्रत्याशी शालिनी कनौजिया को भारी मतों से चुनाव हराया,जिस पर पार्टी को जवाब नहीं सूझ रहा है!पूर्व कांग्रेस विधायक व वर्तमान में भाजपा विधायक अदिती सिंह के पार्टी में शामिल कराने से भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा था कि रायबरेली नगर पालिका के प्रतिष्ठा पूर्ण चुनाव में वह कांग्रेस को पटखनी दे देंगी क्योंकि इससे पूर्व अदिति सिंह ने अपने कांग्रेसी कार्यकाल में अपनी जेबी प्रत्याशी पूर्णिमा श्रीवास्तव को पंजे के चुनाव निशान पर अध्यक्ष पद का चुनाव अच्छे अंतर से जितवाया था!लेकिन इस बार शहर के वोटरों ने उनकी एक न चलने दी! सबसे ज्यादा चुनावी पंडितों की नजर शहर के ब्राह्मण वोटरों के ऊपर थी,क्योंकि ब्राह्मण वोटर   प्रबुद्ध वोटर माना जाता है जो मूलत: भाजपा का कैडर वोटर होता है,लेकिन कुछ सालों से रायबरेली संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की राजनीति में ब्राह्मण लगातार हाशिए पर जा रहा था!चाहे जिला अध्यक्ष का पद हो या विधानसभा चुनाव हो रायबरेली के राजनीतिक फलक पर ब्राह्मण लगातार अपने आप को राजनीतिक रूप से किनारे महसूस करता चला जा रहा था!विधानसभा चुनाव पर भी रायबरेली के किसी भी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी को कोई योग्य ब्राह्मण नेता दूर-दूर तक नजर नहीं आया जिले के ब्राह्मण नेताओं का दर्द भी यही है कि जब पार्टी सत्ता में नहीं थी तो हम लोगों ने संघर्ष करके पार्टी को फर्श से अर्श तक पहुंचाया!सत्ता में लेकर आए लेकिन सत्ता में आते ही हम लोगों से किनारा कर लिया गया!ब्राह्मणों का यही दर्द नगर पालिका चुनाव में पार्टी के जबरदस्त हार के रूप में दिखाई पड़ा!क्योंकि पूरे नगर पालिका चुनाव के प्रचार में शहर के प्रबुद्ध ब्राह्मण वोटर एकदम शांत बना बैठा रहा और बैलेट के रूप में अपने अंदर के आक्रोश को बाहर निकाला!अब देखने वाली बात होगी कि भारतीय जनता पार्टी अपने इस आधारभूत प्रबुद्ध वोटर को अपने पाले में आगे कैसे लाएगी,क्योंकि पालिका चुनाव ने तो आग लगा दी है!अब इस आग को भारतीय जनता पार्टी कैसे  शांत करती है यह भविष्य के गर्भ में है!

*यूं ही नहीं कहा जाता रायबरेली को कांग्रेस का गढ़*

आजादी के बाद से ही रायबरेली लोकसभा क्षेत्र कांग्रेस के अघोषित किले के रूप में जाना जाता था!रायबरेली के प्रथम सांसद फिरोज गांधी,गांधी परिवार के रूप में रायबरेली लोकसभा का सर्वप्रथम प्रतिनिधित्व किया जिसे उनकी पत्नी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व बहू सोनिया गांधी ने विरासत के रूप में संजोकर आगे बढ़ाया!कुछ दिनों से सांसद सोनिया गांधी का बीमारी के कारण अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली में उतना दौरा नहीं हो पाया जिसके कारण विपक्षी भारतीय जनता पार्टी को लगने लगा था कि रायबरेली लोकसभा क्षेत्र भी अमेठी लोकसभा क्षेत्र की तरह ही कांग्रेस से हथियाया जा सकता है लेकिन रायबरेली नगर पालिका के नतीजों ने रायबरेली संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस की मुरझा रही राजनैतिक डालियों पर पानी डालने का काम किया है और देश के राजनैतिक पंडितों को बता भी दिया कि अभी भी रायबरेली संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस का प्रभाव कहीं से भी कम नहीं पड़ा है! कांग्रेस अभी भी रायबरेली के राजनैतिक विरासत को बचाने में कामयाब दिखाई पड़ती है!

*किसको मिले कितने मत*

रायबरेली नगर पालिका के चुनाव की मतगणना समाप्त हो चुकी है!सातवें व अंतिम चरण के वोटों की गिनती में कांग्रेस प्रत्याशी शत्रोहन सोनकर को कुल 43359 वोट मिले!वहीं बीजेपी प्रत्याशी शालिनी कनौजिया 25602 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं!जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी पारसनाथ को 10533 वोट प्राप्त हुए हैं और वह तीसरे नंबर पर रहे!इस तरह कुल 83993 वोटों की गिनती हुई है!